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RRR: नसीरुद्दीन शाह की पत्नी रत्ना पाठक शाह ने किया RRR फिल्म की निंदा, हिन्दू संस्कृति को दिखाती है आरआरआर

पठान फिल्म के गाने बेशरम रंग के जरिए शाहरुख खान और दीपिका पादुकोण बेशरम रंग का अपमान कर रहे हैं। जिसके चलते लोगों ने पठान को बॉयकॉट किया लेकिन रत्ना पाठक शाह को वो वो लोग मूर्ख लगते हैं जो पठान को बॉयकॉट करते हैं। रत्ना पाठक शाह ने बॉयकॉट को लेकर जो बयान दिया वो हिन्दुओं और उनकी अभिव्यक्ति की आजादी के विपरीत हैं। वहीं अब रत्ना पाठक शाह ने आरआरआर फिल्म को लेकर भी एक बयान दिया है यहां हम इसी बारे में बताने वाले हैं।

नई दिल्ली। नसीरुद्दीन शाह की पत्नी रत्ना पाठक शाह ने हाल ही में एक बयान दिया था जिसमें उन्होंने बॉयकॉट वालों को मूर्ख तक बता दिया था। उन्होंने कहा कि आजकल लोगों के पास थाली में खाने के लिए खाना नहीं है। लेकिन लोग किसी के कपड़े को लेकर विरोध कर रहे हैं। रत्ना पाठक शाह ने अपने इस बयान के जरिए उन लोगों पर निशाना साधा जो पठान का बॉयकॉट कर रहे हैं। आप सब जानते हैं कि पठान फिल्म का काफी लम्बे समय से विरोध चल रहा है। ये विरोध दीपिका पादुकोण की भगवा बिकनी से शुरू हुआ। जब लोगों को लगा कि पठान फिल्म के गाने बेशरम रंग के जरिए शाहरुख खान और दीपिका पादुकोण बेशरम रंग का अपमान कर रहे हैं। जिसके चलते लोगों ने पठान को बॉयकॉट किया लेकिन रत्ना पाठक शाह को वो वो लोग मूर्ख लगते हैं जो पठान को बॉयकॉट करते हैं। रत्ना पाठक शाह ने बॉयकॉट को लेकर जो बयान दिया वो हिन्दुओं और उनकी अभिव्यक्ति की आजादी के विपरीत हैं। वहीं अब रत्ना पाठक शाह ने आरआरआर फिल्म को लेकर भी एक बयान दिया है यहां हम इसी बारे में बताने वाले हैं।

आरआरआर फिल्म के बारे में रत्ना पाठक शाह ने कहा है कि आरआरआर एक सर्वप्रिय फिल्म भले ही है। लेकिन वह समाज और लोगों को पीछे की ओर ले जाती है। वो उन्हें आगे बढ़ाने का प्रयत्न नहीं करती है। रत्ना पाठक शाह ने कहा कि आरआरआर फिल्म हमें पीछे की ओर ले जाती है जबकि हमें आगे बढ़ना चाहिए। आगे वो कहती हैं कि मैं सोचती हूं हम जो भी कर रहे हैं वो सही है क्योंकि हम भारत का हिस्सा हैं। आरआरआर पर निशाना साधते हुए उन्होंने ये भी कहा कि हम फिल्ममेकर की आलोचना नहीं करते हैं इसीलिए हमें आरआरआर जैसी फिल्म देखनी पड़ती है।

रत्ना पाठक शाह ने कहा कि भारत में पुरुषवादी फिल्में ही बनती हैं और फिल्मों में महिलाओं का अनुपात बहुत कम है। उन्होंने कहा कि फिल्मों में महिला को पीछे खड़ा करके रखा जाता है। फिल्मों से ज्यादा, थिएटर में नाटक के दौरान महिलाओं का सम्मान होता है। लेकिन फिल्मों में हमेशा महिलाएं पीछे ही रहती हैं। रत्ना पाठक शाह ने पहले बॉयकॉट वालों पर निशाना साधा और उसके बाद उन्होंने आरआरआर फिल्म पर भी निशाना साधा है।

आरआरआर फिल्म के वीएफएक्स और कहानी की वजह से फिल्म पूरे विश्व में पसंद आ रही है। फिल्म में हिन्दू संस्कृति को गर्व के साथ दिखाया गया है। ऐसे में रत्ना पाठक शाह उन लोगों में से आती हैं जिन्हें RRR जैसी फिल्म, सामाज को पीछे धकेलने वाली लगती हैं। रत्ना पाठक शाह पहले उन हिन्दू औरतों का भी अपमान कर चुकी हैं जो करवाचौथ व्रत रखती थीं। अब रत्ना पाठक शाह ने आरआरआर फिल्म को भी पिछड़ा बता दिया क्योंकि वो भी हिन्दू संस्कृति का नाम पूरे विश्व में ऊंचा कर रही थी ऐसे में तो ऐसा ही लगता है कि रत्ना पाठक शाह को वो बात पिछड़ी हुई लगती है जो हिन्दू संस्कृति को दिखाती है और हिन्दुओं के लिए सम्मान की बात होती है।