नई दिल्ली। विवेक अग्निहोत्री के निर्देशन में बनी फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ ने बॉक्स ऑफिस पर तहलका मचा रखा है। हर तरफ इस फिल्म को लेकर चर्चा हो रही है। सिनेमाघरों में फिल्म देखने पहुंचे लोग तारीफ करते नहीं थक रहे। वहीं, इस फिल्म के आलोचकों की संख्या भी कम नहीं है। इंडस्ट्री से जुड़े मुद्दों पर अपनी बात रखने के लिए जाने जाने वाले बॉलीवुड एक्टर आदिल हुसैन ने कश्मीर फाइल्स को लेकर भी विचार साझा किए हैं। जिसके बाद सोशल मीडिया पर बवाल खड़ा हो गया है।
एक्टर आदिल हुसैन ने ‘द कश्मीर फाइल्स’ को लेकर ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा- ‘सच जरूर कहना चाहिए! इसमें कोई दोराय नहीं। पर इसे नम्रता से कहा जाना चाहिए। वरना सच कहने का मकसद खो जाता है। और इसका असर उलटा होता है। हम यकीनन एक रिएक्टिव सोसाइटी को बढ़ावा नहीं देना चाहते, बल्कि एक जिम्मेदार समाज चाहते हैं। कला कभी भी रिएक्टिव नहीं होनी चाहिए।’
Truth must be spoken!No doubt about it. But must be spoken Tenderly. Else purpose of speaking the truth loses its beauty. And the impact is reactive.Not responsive. We, for sure, don’t want to fuel a reactive society but nourish a responve-sible one. Art Should not be reactive.??
— Adil hussain (@_AdilHussain) March 18, 2022
आदिल हुसैन के इस ट्वीट के बाद सोशल मीडिया पर यूजर्स का गुस्सा फुट पड़ा। आदिल के ट्वीट को रिट्वीट करते हुए एक यूजर ने लिखा- ‘जो दर्द दिया गया क्या वह कोमल था? तो क्यों इसे दूसरे तरीके से पेश किया जाए? जो दिखाया गया है, वो सच का महज एक टुकड़ा है। सच्चाई तो 32 साल तक छिपाई गई और अब आप चाहते हैं कि उसे गुनहगारों के हिसाब से नम्रता से दिखाया जाए।’ वहीं दूसरे यूजर ने लिखा- ‘सत्य को कैसे भी कहा जाए, वह कड़वा ही होता है…किसी भी प्रकार की मिलावट उसे सत्य नहीं रहने देती।’
Was the pain inflicted tender? Then why it’s depiction should be anything but? What is being shown is mere fraction of the “truth”. Truth was buried for 32 long yrs. And now, you want it to be shown in a watered down version to suit the culprits?
— Krushna (@govindagopala) March 19, 2022
सत्य को कैसे भी कहा जाए वह कड़वा और कठोर ही होता है… किसी भी प्रकार की मिलावट उसे सत्य नहीं रहने देती। pic.twitter.com/84nM9UisMN
— दलीप पंचोली?? (@DalipPancholi) March 18, 2022
Genocide of Jews must be shown tenderly.
9/11 attack by Osama must be shown tenderly.Morons like Adil Hussian should be shown door out of the movies tenderly. https://t.co/vlVMHCaSAq
— Chandan ?? (@TilaiyanCKS) March 18, 2022
समाज में दरारें डालना ठीक नहीं- नाना पाटेकर
आदिल हुसैन से पहले नाना पाटेकर ने भी फिल्म को लेकर अपने विचार साझा किए थे। नाना पाटेकर ने कहा था, “भारत के हिंदू और मुसलमान यहीं के रहने वाले हैं। दोनों के लिए यहां पर शांति से रहना जरूरी है। दोनों ही एक-दूसरे के बगैर रह नहीं सकते हैं। किसी एक फिल्म की वजह से ऐसा विवाद खड़ा होना ठीक नहीं है।”