नई दिल्ली। मशहूर तबला वादक जाकिर हुसैन (Zakir Hussain) आज अपना 70वां जन्मदिन मना रहे हैं। उनका जन्म आज ही के दिन मुंबई में साल 1951 को हुआ था। अगर उन्हें तबले का जादूगर कहा जाए तो गलत नहीं होगा। दुनियाभर में फैले उनके करोड़ों चाहनेवाले हैं। ये कला उन्हें विरासत में मिली है। उनके पिता अल्ला रक्खा खान भी अपने जमाने के मशहूर तबला वादक थे। इस खास दिन पर जहां हर कोई उन्हें जन्मदिन की बधाई दे रहा है, तो वहीं हम आपको उनकी जिंदगी से जुड़े कुछ किस्सें बताएंगे।
जाकिर हुसैन का जन्म और शिक्षा
जाकिर हुसैन का जन्म आज के दिन मुंबई में पैदा हुए। उन्होंने मुंबई के ही सेंट जेवियर्स कॉलेज से पढ़ाई की। छोटी सी उम्र में ही उन्होंने तबला बजाना शुरू किया। जिसके बाद 11 साल की उम्र में अमेरिका में अपना पहला कॉन्सर्ट किया था। इसके बाद उनके करियर को एक नई और बड़ी राह मिली। साल 1973 में उनका पहला एलबम लॉन्च हुआ था। जिसका नाम- लिविंग इन द मटेरियल वर्ल्ड है। इस एलबम ने खूब वाहवाही बटोरी। इसके बाद से ही तो उनका करियर ऊंचाइयों को छूने लगा। जाकिर हुसैन को ग्रेमी अवॉर्ड मिल चुके हैं, वो भी एक बार नहीं दो बार।
जाकिर हुसैन को दिग्गजों से मिले थे 5 रुपए
उनके बारे में कई किस्से कहे जाते हैं, ऐसा ही एक किस्सा उनके बचपन से जुड़ा है। एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने बताया था कि 12 साल की उम्र में वो अपने पिता के साथ एक कॉन्सर्ट में साथ गए थे। उस समय वहां संगीत की दुनिया के कई दिग्गज मौजूद थे। उनमें पंडित रविशंकर, उस्ताद अली अकबर खान, बिस्मिल्लाह खान, पंडित शांता प्रसाद और पंडित किशन महाराज शामिल थे। सभी स्टेज पर थे कि तभी संयोजकों में से एक ने उस्ताद जाकिर हुसैन को स्टेज पर बुलाया था। जिसके बाद हुसैन को 5 रुपए मिले। उनके मुताबिक, वो उनके लिए सबसे कीमती तोहफों में से एक था।
जाकिर हुसैन को साल 1992 में द प्लेनेट ड्रम
साल 1992 में द प्लेनेट ड्रम और 2009 में ग्लोबल ड्रम प्रोजेक्ट के लिए उन्हें 2 ग्रैमी अवार्ड मिले। साथ ही उन्हें पद्म श्री, पद्म भूषण और संगीत नाटक अकादमी की ओर से सम्मान मिल चुके हैं।
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