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Uttar Pradesh: चौरीचौरा कांड के सौ साल, 4 फरवरी को कार्यक्रम का वर्चुअल शुभारंभ करेंगे पीएम मोदी

Uttar Pradesh: चौरीचौरा (Chaurichaura) घटना को यादगार बनाने के लिए योगी सरकार 4 फरवरी 2021 से 4 फरवरी 2022 तक जंगे आजादी के लिए मर मिटने वालों को केंद्र बनाकर कार्यक्रम करने जा रही है। इसका वर्चुअल शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) करेंगे।

लखनऊ। जंगे आजादी की ऐतिहासिक घटना। गोरखपुर से करीब 17-18 किलोमीटर दूर एक छोटा सा कस्बा चौरीचौरा। महात्मा गांधी की अगुवाई में जब पूरे देश में असहयोग आंदोलन पूरे शबाब पर था, उसी समय 4 फरवरी 1921 को अंग्रेजों के जुल्म के खिलाफ घटी एक घटना ने इतिहास को बदल दिया। 4 फरवरी 2021 को इस घटना के सौ साल पूरे हो रहे हैं। इस घटना को यादगार बनाने के लिए योगी सरकार 4 फरवरी 2021 से 4 फरवरी 2022 तक जंगे आजादी के लिए मर मिटने वालों को केंद्र बनाकर कार्यक्रम करने जा रही है। इसका वर्चुअल शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे।

PM Narendra Modi

इस दौरान 1857 से लेकर देश के आजाद होने तक मां भारती के जिन सपूतों ने अपना सब कुछ कुर्बान कर दिया था उनको याद किया जाएगा। उनके स्मारकों का सुंदरीकरण होगा। बैंड-बाजे के साथ उनको सलामी दी जाएगी। उन अनाम शहीदों की भी तलाश होगी जो स्थानीय लोकगीतों और परंपराओं में आज भी जिंदा हैं। साल भर चलने वाले इस कार्यक्रम के मकसद के बाबत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहले ही चर्चा कर चुके हैं। उनके मुताबिक जंगे आजादी के उन दीवानों में देश प्रेम के प्रति जो जज्बा, जुनून और जोश था, वही भाव भावी पीढ़ी में भी आए। मौजूदा और भावी पीढ़ी माँ भारती पर अपना सब कुछ न्यौछावर कर देने वालों से प्रेरणा लें। उनको अपना रोल मॉडल माने। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंशा में अनुसार सशक्त,समर्थ और श्रेष्ठ भारत के निर्माण के लिए यह जरूरी है।

असहयोग आंदोलन के समर्थन में जुलूस निकाल रहे लोगों पर स्थानीय पुलिस ने बल प्रयोग किया। इससे आंदोलन में शामिल लोग भड़क गए। आंदोलनकारियों की संख्या पुलिस की तुलना में अधिक थी। आंदोलकारियों के मूड- मिजाज को भांपते हुए पुलिस के लोगों ने थाने में शरण ली। भीड़ में कुछ लोग वहां पहुंचे और थाने में आग लगा दी।

Narendra Modi Yogi Adityanath
इस पूरे घटनाक्रम में कुल 25 लोगों की मौत हुई। मृतकों में 22 पुलिसकर्मी और 3 आम नागरिक थे। इतिहास में यह घटना चौरीचौरा कांड के नाम से प्रसिद्ध है। चौरीचौरा कांड के बारे में इतिहासकारों का नजरिया अलग-अलग है। खुद गांधी जी ने इस घटना के बारे में कहा था कि यह घटना इस बात की दैवीय चेतावनी है कि देश की जनता अभी स्वाधीनता के लिए अहिंसक आंदोलन को तैयार नहीं है। उन्होंने असहयोग आंदोलन को स्थगित कर दिया। ब्रिटिश सरकार ने इस घटना के लिए गांधी जी को दोषी मानते हुए छह साल कारावास की सजा सुनाई। जेल में ही उन्होंने घटना के विरोध में 12 फरवरी से पांच दिन का उपवास किया।

Narendra Modi & yogi Adityanath
गांधी जी द्वारा उठाए गए इस कदम को लेकर कांग्रेस ने भी मतभेद था। एक धड़े का मानना था कि जब आंदोलन चरम पर था और स्वराज मिलना चंद दिनों की बात थी। ऐसे में आंदोलन को वापस लेना हिमालयी भूल थी।

चौरीचौरा कांड में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दादा गुरु ब्रह्मलीन महंत दिग्विजय नाथ को भी अंग्रेजों ने आरोपी बनाया था। इस घटना में 222 लोगों को आरोपी बनाया गया था। बतौर वकील आरोपियों की पैरवी पंडित मदन मोहन मालवीय ने की थी। बावजूद इसके 19 लोगों को फांसी की सजा सुनाई गई। इस घटना के बाद से फिरंगियों को लग गया था कि अब भारत को अधिक दिनों तक गुलाम बनाकर नहीं रखा जा सकता। यहां की आवाम आजादी के लिए कुछ भी कर सकती है। और अंततः हुआ भी यही। 15 अगस्त 1947 को देश आजाद हो गया।