नई दिल्ली। किसान आंदोलन (Farmers Protest) का शुक्रवार को 58वां दिन है और प्रदर्शनकारी किसान तीनों केंद्रीय कानूनों (Farmers Law) को निरस्त करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर फसलों की खरीद की कानूनी गारंटी की मांग पर अड़े हुए हैं। उधर, दिल्ली के विज्ञान भवन में शुक्रवार को किसानों और सरकार के बीच 11वें दौर की मीटिंग हुई। जो बेनतीजा रही। साथ ही अगली बैठक की तारिख भी नहीं बताई गई है। सरकार को उम्मीद थी कि इस बैठक से कुछ न कुछ हल जरूर निकलेगा। उधर किसान नेता तीनों कानूनों को हटाने की मांग पर अड़े हैं। उनका कहना है कि सरकार उन्हें नए प्रस्तावों के जरिये उलझाना चाह रही लेकिन वे मांगों पर अडिग हैं।
11वें दौर की बैठक भी रही बेनतीजा
सरकार और किसानों की बैठक आज भी बेनतीजा रही। ये 11वें दौर की बातचीत थी, इसमें भी कोई हल नहीं निकला। इस बार सरकार का रुख थोड़ा सख्त रहा। जानकारी के मुताबिक, बैठक में किसानों और सरकार की बैठक लगभग 18 मिनट हुई जिसके बाद पिछले 3 घंटे 20 मिनट से ब्रेक चल रहा था। जिसके बाद बैठक फिर शुरू हुई जो कुछ ही देर में खत्म हो गई।
सरकार के साथ 11वें दौर की वार्ता के बाद राकेश टिकैत ने भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि सरकार की तरफ से कहा गया कि 1.5 साल की जगह 2 साल तक कृषि क़ानूनों को स्थगित करके चर्चा की जा सकती है। उन्होंने कहा अगर इस प्रस्ताव पर किसान तैयार हैं तो कल फिर से बात की जा सकती है, कोई अन्य प्रस्ताव सरकार ने नहीं दिया।
सरकार की तरफ से कहा गया कि 1.5 साल की जगह 2 साल तक कृषि क़ानूनों को स्थगित करके चर्चा की जा सकती है। उन्होंने कहा अगर इस प्रस्ताव पर किसान तैयार हैं तो कल फिर से बात की जा सकती है, कोई अन्य प्रस्ताव सरकार ने नहीं दिया: राकेश टिकैत, किसान नेता #FarmersProtest pic.twitter.com/YnUQo5eqQL
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 22, 2021
सरकार के साथ 11वें दौर की वार्ता के बाद किसान नेता ने कहा कि सरकार द्वारा जो प्रस्ताव दिया गया था वो हमने स्वीकार नहीं किया। कृषि क़ानूनों को वापस लेने की बात को सरकार ने स्वीकार नहीं की। अगली बैठक के लिए अभी कोई तारीख तय नहीं हुई है।
सरकार द्वारा जो प्रस्ताव दिया गया था वो हमने स्वीकार नहीं किया। कृषि क़ानूनों को वापस लेने की बात को सरकार ने स्वीकार नहीं की। अगली बैठक के लिए अभी कोई तारीख तय नहीं हुई है: किसान नेता, सरकार के साथ 11वें दौर की वार्ता के बाद pic.twitter.com/01kgd1Fd6l
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कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर किसानों संग बैठक शुरू होने के बाद नाराज दिखाई दिए। वो किसानों से इसलिए नाराज थे क्योंकि किसानों ने पिछली बैठक के प्रस्ताव को मीडिया में साझा किया था।
किसान नेताओं और केंद्र सरकार के बीच विज्ञान भवन में कृषि कानूनों पर बैठक शुरू हुई। बैठक में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और सोमप्रकाश मौजूद हैं।
दिल्लीः किसान नेताओं और केंद्र सरकार के बीच विज्ञान भवन में कृषि कानूनों पर बैठक शुरू हुई। बैठक में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और सोमप्रकाश मौजूद हैं। #FarmLaws pic.twitter.com/xe0YgCmNY3
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किसानों के साथ होने वाली 11वें दौर की वार्ता के लिए केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल विज्ञान भवन पहुंचे।
दिल्लीः किसानों के साथ होने वाली 11वें दौर की वार्ता के लिए केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल विज्ञान भवन पहुंचे। #FarmLaws pic.twitter.com/dznTnPujol
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केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर दिल्ली के विज्ञान भवन पहुंचे। जहां आज किसानों और केंद्र सरकार के बीच 11वें दौर की वार्ता होनी है।
दिल्लीः केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर विज्ञान भवन पहुंचे।
आज किसानों और केंद्र सरकार के बीच 11वें दौर की वार्ता होनी है। #FarmLaws https://t.co/ffGaNXBMJt pic.twitter.com/rkckIlm1Cc
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किसानों और केंद्र सरकार के बीच आज होने वाली 11वें दौर की वार्ता से पहले विज्ञान भवन पहुंचे किसान नेता।
दिल्ली: किसानों और केंद्र सरकार के बीच आज होने वाली 11वें दौर की वार्ता से पहले विज्ञान भवन में किसान नेता। #FarmersProtests https://t.co/aYQdB04uLI pic.twitter.com/DnKfyVMFUw
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अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव हन्नान मोल्लाह ने मीटिंग से पहले कहा कि सरकार का रवैया थोड़ा और सकारात्मक होगा तो बेहतर हो सकता है। सरकार ने जो प्रस्ताव दिया था उसमें पुराने प्रस्ताव से थोड़ा फर्क था इसीलिए वह प्रस्ताव हम आमसभा में ले गए थे। चर्चा के बाद उन लोगों ने उसे मानने से इनकार कर दिया।
26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली को लेकर बातचीत चल रही है। रैली तो होगी ही। सरकार रिंग रोड पर आने से मना कर रही है लेकिन किसान पीछे नहीं हटेगा। हम देखते हैं इसे शांतिपूर्ण तरीके से कहां तक कामयाब किया जा सकता है: हन्नान मोल्लाह https://t.co/ZkSgZBsRK7
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किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के महासचिव के श्रवण सिंह पंढेर ने मीटिंग से पहले कहा कि सभी ने शाम को ये फैसला लिया कि हम सरकार के प्रस्ताव को खारिज करते हैं। हम बैठक में सरकार को प्रस्ताव को ठुकराने पर अपनी दलील के साथ जवाब देंगे। आज की चर्चा हमारी मांगों पर केंद्रित होगी।
सभी ने शाम को ये फैसला लिया कि हम सरकार के प्रस्ताव को खारिज करते हैं। हम बैठक में सरकार को प्रस्ताव को ठुकराने पर अपनी दलील के साथ जवाब देंगे। आज की चर्चा हमारी मांगों पर केंद्रित होगीः श्रवण सिंह पंढेर, किसान मज़दूर संघर्ष कमेटी के महासचिव #FarmersProtests pic.twitter.com/kmTGcmvRjd
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इन कानूनों के अमल पर सुप्रीम कोर्ट ने 11 जनवरी के अपने एक आदेश के जरिए बहरहाल रोक लगा दी है और एक विशेषज्ञों की कमेटी बनाकर इन पर सुझाव देने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी ने किसान संगठनों के साथ संपर्क करना शुरू कर दिया है, लेकिन आंदोलनकारी किसान संगठनों को कमेटी में जाना स्वीकार्य नहीं है।