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यूपी के 152 गणमान्य लोगों ने की योगी सरकार की तारीफ, आरोप लगाने वालों को बताया राजनीति से प्रेरित

Yogi Government: सीएए के मसले पर हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस कार्रवाई को सही ठहराते हुए पत्र में कहा गया है कि जब प्रदर्शन के नाम पर हिंसा होने लगे, तो कानून को तोड़ने वालों के खिलाफ कार्रवाई होनी ही चाहिए और यूपी पुलिस ने कार्रवाई करके कुछ भी गलत नहीं किया है।

लखनऊ। यूपी के पूर्व मुख्य सचिव योगेंद्र नारायण की अगुवाई में समाज के 151 गणमान्य लोगों ने एक खुला पत्र जारी किया है। इस पत्र में उन्होंने यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार के खिलाफ कुछ पूर्व ब्यूरोक्रेट्स की ओर से लगाए जा रहे आधारहीन आरोपों का जवाब दिया है। पत्र में कहा गया है कि पूर्व ब्यूरोक्रेट्स और सिविल सोसाइटी के लोग ये सोचते हैं कि जो वे कह रहे हैं, वही सही है। जबकि, यूपी के मामले में यही लोग चुनिंदा तरीके से विचारों को पेश करते हैं। पत्र में कहा गया है कि पिछली सपा सरकार के शासन में 2012 की पहली मार्च से 15 अप्रैल के दौरान यूपी में हत्या की 699, रेप की 263 और लूट की 249 घटनाएं हुई थीं। इसमें कहा गया है कि कुछ पूर्व ब्यूरोक्रेट और सिविल सोसाइटी के लोग छिपे राजनीतिक एजेंडे के तहत योगी सरकार को बदनाम कर रहे हैं। योगी सरकार के दौरान पुलिस एनकाउंटर में मुस्लिम, दलित और ओबीसी के लोगों को ही मारने के लग रहे आरोप पर इन गणमान्य लोगों ने पत्र में आंकड़ों के जरिए जवाब दिया है। पत्र में लिखा गया है कि 20 मार्च 2017 से 11 जुलाई 2021 तक यूपी में कुल 8367 एनकाउंटर हुए। इनमें 18025 अपराधियों को गोली लगी। 3246 अपराधी गिरफ्तार हुए और 140 अपराधियों की जान गई।

जिन 140 अपराधियों की एनकाउंटर में जान गई, उनमें से 115 पर इनाम घोषित थे। इनमें से 21 पर 50 हजार और 9 पर 1.5 लाख का इनाम था। जो 140 अपराधी मारे गए, उनमें से महज 51 अल्पसंख्यक समुदाय के थे। 13 पुलिसवाले भी एनकाउंटर में शहीद और 1140 घायल हुए। पत्र में कहा गया है कि एनएचआरसी या मजिस्ट्रेट जांच में ज्यादातर एनकाउंटर सही पाए गए।

CM yogi

सीएए के मसले पर हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस कार्रवाई को सही ठहराते हुए पत्र में कहा गया है कि जब प्रदर्शन के नाम पर हिंसा होने लगे, तो कानून को तोड़ने वालों के खिलाफ कार्रवाई होनी ही चाहिए और यूपी पुलिस ने कार्रवाई करके कुछ भी गलत नहीं किया है। पत्र में सिद्दीकी कप्पन की गिरफ्तारी, उपद्रवियों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लगाने और कोरोना की दूसरी लहर के दौरान योगी सरकार के कामकाज का भी समर्थन किया गया है। गणमान्य लोगों ने उम्मीद जताई है कि पूर्व ब्यूरोक्रेट और समाज से जुड़े लोग इस तरह बेवजह आरोप लगाने से बाज आएंगे।