
बेंगलुरु। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई को भारतीय नौसेना की संवेदनशील जानकारी देने के आरोप में एनआईए ने 3 लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों में से वेथन लक्ष्मण टंडेल और अक्षय रवि नाइक को एनआईए ने कर्नाटक के उत्तर कन्नड़ जिले से पकड़ा। वहीं, तीसरे आरोपी अभिलाष पीए की केरल के कोच्चि से गिरफ्तारी हुई है। तीनों पर आरोप है कि ये पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी के लोगों से संपर्क में थे। एनआईए इस मामले में पहले ही 2 फरार पाकिस्तानियों समेत 5 लोगों पर चार्जशीट दाखिल कर चुकी है। आंध्र प्रदेश के काउंटर इंटेलिजेंस सेल ने साल 2021 में केस दर्ज किया था। जिसे बाद में एनआईए को ट्रांसफर किया गया।
पहले जिन लोगों पर एनआईए ने चार्जशीट दाखिल की है, उनमें मीर बालाज, सोलंकी, अल्वेन, मनमोहन सुरेंद्र पांडा और अमान सलीम शेख हैं। एनआईए के मुताबिक जिन तीन आरोपियों की अब गिरफ्तारी हुई है, वे भारतीय नौसेना के सुरक्षा उपकरणों और अन्य सूचनाएं आईएसआई को भेज रहे थे। एनआईए का कहना है कि आईएसआई ने कारवार में बने भारतीय नौसेना के बेस और केरल के कोच्चि बेस के बारे में खुफिया जानकारी हासिल करने की साजिश रची। इसके लिए नेटवर्क बनाया। आरोपियों को आईएसआई से काफी रकम भी मिली। जांच एजेंसी के मुताबिक सोशल मीडिया के जरिए वेथन, अक्षय और अभिलाष पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के लोगों के संपर्क में बने हुए थे।
आईएसआई की तरफ से इन आरोपियों को बैंक खातों में भुगतान किया गया। वहीं, अन्य लोगों के जरिए भी भुगतान की व्यवस्था आईएसआई ने की थी। बता दें कि कारवार में भारतीय नौसेना का नया बेस बनाया गया है। जहां पनडुब्बी वगैरा भी रखी जाती हैं। वहीं, भारतीय नौसेना का कोच्चि बेस भी देश की समुद्री सीमा की सुरक्षा में अहम माना जाता है। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई चाहती है कि भारतीय नौसेना के बारे में उसे जानकारी मिले। क्योंकि 1971 के युद्ध में भारतीय नौसेना ने पाकिस्तान की पनडुब्बी खुकरी को डुबो दिया था और कराची पर ऐसा हमला किया था कि वहां का बंदरगाह 7 दिन तक जलता रहा था।