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Uttarakhand Tunnel Collapse: उत्तराखंड की सिलक्यारा सुरंग से 10 दिन बाद भी नहीं निकाले जा सके हैं 41 मजदूर, जानिए अब कैसे चल रही बचाने की कोशिश

एनएचआईडीसीएल के एमडी महमूद अहमद के मुताबिक मजदूरों से लगातार बात हो रही है। महमूद अहमद के मुताबिक मलबे में ऑगर मशीन से खोदकर 22 मीटर तक 900 मिलीमीटर की पाइप डाली गई थी। फिर ऑगर मशीन के कटर के सामने चट्टान आने से काम रुक गया।

उत्तरकाशी। उत्तराखंड के उत्तरकाशी में बन रहे सिलक्यारा सुरंग से अब तक 41 मजदूरों को निकालने में सफलता नहीं मिली है। 12 नवंबर को ये मजदूर जब सिलक्यारा सुरंग में काम कर रहे थे, तो उसमें धंसाव हो गया था। इस धंसाव से 60 मीटर मलबे के पीछे मजदूर फंस गए। फंसे हुए मजदूरों को बचाने के लिए यहां कई राहत दल लगे हुए हैं। सोमवार को राहत दल ने ऑगर मशीन से मलबा काटकर 6 इंच की पाइप सफलता से लगा दी थी। जिसके बाद मजदूरों को इस पाइप से भोजन, दवा और अन्य जरूरी चीजें लगातार भेजी जा रही हैं। सुरंग में मजदूरों के पास 2 किलोमीटर का सुरक्षित इलाका है। अब 900 मिलीमीटर की पाइपलाइन बिछाकर मजदूरों को निकालने की तैयारी है। सुरंग को ऊपर से काटने की कोशिश भी हो रही है। जबकि, बड़कोट वाले दूसरे छोर से सुरंग को काटने का काम भी चल रहा है। माना जा रहा है कि अगले दो से तीन दिन में मजदूरों को सिलक्यारा सुरंग से निकालने में कामयाबी मिल सकती है।

सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को 6 इंच की पाइप से अंदर भेजे गए कैमरे से लगातार देखा जा रहा है। मजदूर थोड़े परेशान जरूर हैं, लेकिन उनका हौसला डिगा नहीं है। एनएचआईडीसीएल के एमडी महमूद अहमद के मुताबिक मजदूरों से लगातार बात हो रही है। महमूद अहमद के मुताबिक मलबे में ऑगर मशीन से खोदकर 22 मीटर तक 900 मिलीमीटर की पाइप डाली गई थी। फिर ऑगर मशीन के कटर के सामने चट्टान आने से काम रुक गया। अब इसी 900 मिलीमीटर की पाइप के भीतर से होकर 800 मिलीमीटर की पाइप डालने के लिए मलबे में कटिंग की जा रही है। महमूद अहमद का कहना है कि हर एक पल महत्वपूर्ण है और रात-दिन काम करके मजदूरों को बचाने की हरसंभव कोशिश की जा रही है। खास बात ये भी है कि विदेशी बचावकर्ता भी मौके पर हैं और उन्होंने भी उम्मीद जताई है कि सिलक्यारा सुरंग में फंसे हर एक मजदूर को बचा लिया जाएगा।

uttarkashi tunnel collapse laborers
सिलक्यारा सुरंग में फंसे मजदूरों का वीडियो मंगलवार को आया था। इन सभी से लगातार बातचीत जारी है। भोजन भेजा जा रहा है।

सिलक्यारा से बड़कोट तक बन रही इस सुरंग में मजदूरों के फंसे होने से पीएम नरेंद्र मोदी और उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी भी चिंतित हैं। मोदी अब तक 4 बार सीएम धामी से बात कर मजदूरों को बचाने के लिए हो रहे काम का जायजा ले चुके हैं। मोदी के दफ्तर यानी पीएमओ से भी कई अफसर मौके पर तैनात किए गए हैं। सीएम पुष्कर सिंह धामी 2 बार उत्तरकाशी जाकर राहत कार्यों का जायजा ले चुके हैं। पिछले दिनों धामी के साथ केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी भी मौके पर गए थे। केंद्र सरकार ने मजदूरों को बचाने के लिए सभी जरूरी यंत्र उपलब्ध कराने की बात कही है। जिसके तहत 2 ऑगर मशीनों को यहां लाया गया था। अब सभी की नजर उस वक्त पर है, जब मलबे को काटकर मजदूरों को सिलक्यारा सुरंग से बाहर निकाल लिया जाएगा।