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AAP की ओछी हरकत: 2018 के विज्ञापन का सहारा, मोदी सरकार पर निशाना, ‘झूठ की दुकान’ पर जनता भी बरसी

AAP is spreading lies against the central government: दरअसल, आम आदमी पार्टी के मन में भारतीय जनता पार्टी के बढ़ते सियासी बिसात की वजह से इतनी विद्वेषता बढ़ गई है कि अब वे बीजेपी के खिलाफ जनता के मध्य झूठ फैला रही है।

नई दिल्ली। भारत में लोकतंत्र है और लोकतंत्र के अंतर्गत जनता को अपने मन मुताबिक अपने लिए शासक चयन करने का संपूर्ण अधिकार प्राप्त होता है। अन्य शब्दों में कहे तो लोकतंत्र में जनता का फैसला सर्वोपरि माना जाता है, चूंकि जनता इस बात से परिचित होती है कि उनके लिए क्या हित है और क्या अहित है, जिसके दृष्टिगत वे अपने लिए एक ऐसे शासक का चयन करती है, जो उनकी नुमाइंदगी करते हुए उनके हित में सारे फैसले ले। ऐसी स्थिति में जनता के हित में उस शासक की भी तरक्की मानी जाती है, जिसका चयन स्वयं जनता अपने मत के जरिए करती है, लेकिन शायद आपको अब यह जानकर आश्चर्य न हो कि कुछ लोग अभिव्यक्ति की आजादी का बेजा इस्तेमाल करते हुए अब जनता द्वारा लिए गए इन्हीं फैसलों का मखौल उड़ा रहे हैं। अब ये लोग अभिव्यक्ति की आजादी की नौका पर सवारी करके सरकार के संदर्भ में दुष्प्रचार कर उन्हें दिगभ्रमित कर रही हैं और अब इस काम को करने का अनुबंध और किसी ने नहीं, बल्कि हिंदुस्तान की जनता को जम्हूरियत का पाठ पढ़ाने वाली ‘आम आदमी पार्टी’ ने ले लिया है। जी हां…वही आम आदमी पार्टी जो जम्हूरियत को महफूज रखने की जिम्मेदारी के साथ सत्ता पर काबिज हुई है, लेकिन अब यही संविधान द्वारा तय किए सीमा रेखा का उल्लंघन कर रही है।

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जानिए पूरा प्रकरण  

दरअसल, आम आदमी पार्टी के मन में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के बढ़ते सियासी बिसात की वजह से इतनी विद्वेषता बढ़ गई है कि अब वे बीजेपी के खिलाफ जनता के मध्य झूठ फैला रही है। इसी कड़ी में आज से दो साल पुराने लेकिन नकली अखबारों की कटिंग का हवाला देकर आप ने बीजेपी पर आरोप लगाया है कि अब केंद्र की मोदी सरकार के फैसले के परिणामस्वरूप पेट्रोल के बाद बिजली के बिल भी आसमान छूने जा रहे हैं।

शायद आपको यकीन न हो लेकिन आम आदमी  पार्टी ने अपने इस झूठे मिथक को फैलाने के लिए केंद्र सरकार के संदर्भ में कहा कि अब सरकार बिजली बिल के दरों को तय करने की स्वतंत्रता निजी कंपनियों को देने जा रही है। यह कंपनियां कोई और नहीं, बल्कि अंडानी-अंबानी शासित कंपनियां है, जिन्हें बिजली के दरों को तय करने का पूरा अधिकार प्राप्त होगा। आम आदमी पार्टी द्वारा वायरल किए जा रहे इस अखबार के कटिंग में बताया गया है कि इसकी वजह से इन निजी कंपनियों के बिजली बिल में मनमाफिक बढ़ोतरी करने का अधिकार प्राप्त हो जाएगा। जिसकी वजह से आम जनता पर आर्थिक बोझ़ पड़ेगा और जनता बेहाल होगी।

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आम आदमी पार्टी द्वारा जारी किए जा रहे इस अखबारी कटिंग में कहा गया है कि केंद्र सरकार अतिशीघ्र ही इलेक्ट्रीसिटी एक्ट 2003 में संशोधन करने जा रही है। इस संशोधन के बाद सरकार को नहीं, बल्कि निजी कंपनियों को बिजली के बिल की दरें तय करने का अधिकार प्राप्त होगा और वे अपनी मन मुताबिक इन दरों को तय करेंगे जिससे आम जनता बेहाल होगी और इससे भी ज्यादा हैरानी आपको यह  जानकर होगी कि इस फर्जी अखबार के कटिंग को किसी और ने नहीं, बल्कि आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने अपने ट्विटर हैंडल पर जारी किया है। आइए, अब आगे जानते हैं कि आखिर इसमें कितनी सच्चाई है।

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आखिर क्या है इसकी सच्चाई  

अगर आपने यह जान लिया तो आप जरूर ताज्जुब होंगे कि आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद  संजय सिंह द्वारा जारी किया गया यह अखबार कटिंग न महज पुराना है, बल्कि नकली भी है। तफ्तीश के दौरान यह ऐसा बताया जा रहा है कि आज तक ऐसा कोई भी फैसला केंद्र सरकार द्वारा लिया ही नहीं गया है, तो भला ऐसी किसी खबर का किसी भी अखबार में प्रकाशित होने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता है, तो लाजिमी है कि राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने ऐसा महज आम जनता के बीच में बढ़ती केंद्र सरकार के लोकप्रियता से बढ़ती  कुठिंत होने की वजह से किया है।

लेकिन जैसा कि हम आपको पहले ही बता चुके हैं कि किसी भी लोकतांत्रिक देश में जनता द्वारा लिया गया फैसला सर्वोपरि होता और बाकी सभी कारक गौण ही साबित होते हैं। खैर, केंद् की मोदी सरकार इन सभी कारकों को धता बताते हुए जनता के हित में लगातार काम कर रही है। यही कारण है कि हर दिन केंद्र सरकार की सियासी बिसात पूरे देश में फैलती ही जा रही है आगे भी यथावत फैलेगी।

लोगों ने लगा दी ‘आप’ की क्लास 

वहीं, आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह द्वारा बिजली बिल को लेकर मोदी सरकार के खिलाफ झूठ फैलाने के चलते ट्वीटर पर लोगों ने उनकी जमकर क्लास लगा दी। आइए, आपको उनके ट्वीट पर लोगों की प्रतिक्रियाओं से रूबरू कराएं चलते हैं।