नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार के दिल्ली सरकार के ट्रांसफर पोस्टिंग से जुड़े मुद्दे को लेकर एक अध्यादेश को जारी किया तो देशभर में आम आदमी पार्टी इसे ज्यादती बताने लगी। मुख्यमंत्री केजरीवाल ये दुहाई देने लगे कि केंद्र सरकार जनता के द्वारा चुनी हुई सरकार के खिलाफ अध्यादेश लेकर आए हैं। कोई निर्णय करने का अधिकार हमको नहीं दिया जा रहा है। अब इसी केंद्र के अध्यादेश को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री विपक्ष को एकजुट के प्रयासों में दिन रात जुटे हुए है। इसको लेकर केजरीवाल बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पश्चिम बंगाल सीएम ममता बनर्जी सहित कई नेताओं से मिल चुके हैं, लेकिन कांग्रेस की मामले में बंटी हुई दिखाई दे रही है। इसके चलते आम आदमी पार्टी की मुसीबतें बढ़ गई हैं।
जानकारी के लिए आपको बता दें कि 29 मई को पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मीटिंग बुलाई है, लेकिन इसी बीच कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संजोजक केजरीवाल पर शनिवार (27 मई) को हमला किया। दिल्ली कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केजरीवाल की फोटो शेयर करते हुए लिखा कि आप-बीजेपी एक है, दोनो ही फेक हैं। कांग्रेस ने मोदी सरकार की पहचान जुमला और भ्रष्टाचार बताई तो केजरीवाल सरकार की पहचान मनी लॉन्ड्रिंग और करप्शन से जोड़ी है।
गौर करने वाली बात ये है कि केंद्र सरकार के अध्यादेश के विरोध में देशभर से विपक्षी नेताओं को अपने पाले में खींचने के प्रयास में जुटे केजरीवाल ने मल्लिकार्जुन खड़गे से मिलने के लिए समय की मांग की थी। इसके साथ ही केजरीवाल ने राहुल गांधी से भी मिलने की इच्छा व्यक्त की थी। अध्यादेश के खिलाफ संसद में कांग्रेस का समर्थन हासिल करने और संघीय ढांचे पर हमले तथा मौजूदा राजनीतिक स्थिति पर चर्चा करने के लिए मुलाकात का वक्त मांगा है। वहीं कांग्रेस इस मुद्दे पर केजरीवाल के साथ खड़े होने में संकोच करती नजर आ रही है। देखना होगा कि कांग्रेस का साथ केजरीवाल को मिलता है या नहीं।