नई दिल्ली। पहले टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल में सभी सीटों पर अकेले अपनी पार्टी को उतारने का एलान किया। फिर बिहार में नीतीश कुमार ने साथ छोड़कर बीजेपी के खेमे में एक बार फिर आमद दर्ज करा दी। अब विपक्ष के इंडिया गठबंधन को पंजाब में भी झटका लगने की खबर है। अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (आप) ने पंजाब की सभी 13 और चंडीगढ़ की 1 लोकसभा सीट पर अपने उम्मीदवार उतारने का फैसला किया है। खुद आप के संयोजक और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने ये बात कही है। यानी अब इंडिया गठबंधन में शामिल आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच पंजाब में भी चुनावी जंग होनी है। जाहिर है इससे इंडिया गठबंधन को एक और बड़ा झटका लगने जा रहा है।
#WATCH | Delhi CM and AAP national convener Arvind Kejriwal says, “Two years back, you gave us blessings. You gave 92 out of 117 seats to us (in Assembly elections), you created history in Punjab. I have come to you with folded hands, asking for one more blessing. Lok Sabha… pic.twitter.com/3pBzzvVl0P
— ANI (@ANI) February 10, 2024
बीते दिनों ही पंजाब के सीएम और आम आदमी पार्टी के नेता भगवंत मान ने मीडिया से बातचीत में संकेत दिए थे कि उनकी पार्टी राज्य की सभी लोकसभा सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेगी। हालांकि, भगवंत मान के इस बयान पर उनकी पार्टी या कांग्रेस की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई थी। इससे पहले खबरें थीं कि पंजाब में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच सीटों के बंटवारे पर चर्चा चल रही है और आम आदमी पार्टी कांग्रेस को 5 सीटें दे सकती है, लेकिन अब लग रहा है कि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी में बात नहीं बनी है और अरविंद केजरीवाल समेत पार्टी के तमाम बड़े नेताओं ने पंजाब में अपने दम पर ही लोकसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया है।
अरविंद केजरीवाल की पार्टी और कांग्रेस के बीच दिल्ली की 7 लोकसभा सीटों पर भी कोई समझौता नहीं हुआ है। अब तक दोनों ही दलों ने इस बारे में कुछ नहीं कहा है। पंजाब में अगर केजरीवाल की पार्टी और कांग्रेस के बीच सीटों का समझौता न हुआ, तो दिल्ली में भी दोनों दलों के बीच इस मसले पर समझौता होना मुश्किल हो सकता है। साथ ही विपक्षी इंडिया गठबंधन में भी दरार और चौड़ी होने के पूरे आसार दिख रहे हैं। इंडिया गठबंधन में 28 पार्टियां जुड़ी थीं, लेकिन नीतीश कुमार के अलग होने से अब 27 ही रह गई हैं। इनमें से ममता बनर्जी और आम आदमी पार्टी ने भी अलग रुख अपना रखा है।