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Adani Group: अडानी समूह ने हिंडनबर्ग के आरोपों को किया खारिज, कहा- ‘आधारहीन और दुर्भावनापूर्ण’

Adani Group: अडानी समूह ने हिंडनबर्ग के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए इसे दुर्भावनापूर्ण बताया है। कंपनी ने अपने बयान में कहा, “ये आरोप तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश किए गए हैं। हम इन आरोपों को पूरी तरह से खारिज करते हैं और इसे हमारी छवि को खराब करने की कोशिश मानते हैं। यह रिपोर्ट हमारे खिलाफ पहले से तय निष्कर्षों पर आधारित है, जो निजी मुनाफे के लिए बनाई गई है।”

नई दिल्ली। अमेरिकी रिसर्च और निवेश कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडानी समूह से जुड़े मामलों में एक बार फिर नया खुलासा किया है। इस बार, हिंडनबर्ग ने बाजार नियामक सेबी की चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच और उनके पति धबल बुच पर अडानी से जुड़ी विदेशी फंड में हिस्सेदारी होने का गंभीर आरोप लगाया है। हालांकि, सेबी चेयरपर्सन और उनके पति ने इन आरोपों को पूरी तरह निराधार बताते हुए इसे बदनाम करने की कोशिश करार दिया है। अब इस मामले में अडानी समूह की ओर से भी एक आधिकारिक बयान जारी किया गया है।

अडानी समूह का बयान

अडानी समूह ने हिंडनबर्ग के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए इसे दुर्भावनापूर्ण बताया है। कंपनी ने अपने बयान में कहा, “ये आरोप तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश किए गए हैं। हम इन आरोपों को पूरी तरह से खारिज करते हैं और इसे हमारी छवि को खराब करने की कोशिश मानते हैं। यह रिपोर्ट हमारे खिलाफ पहले से तय निष्कर्षों पर आधारित है, जो निजी मुनाफे के लिए बनाई गई है।”


अडानी समूह ने यह भी स्पष्ट किया कि हिंडनबर्ग द्वारा लगाए गए आरोपों की पहले ही गहराई से जांच की जा चुकी है और ये आरोप सुप्रीम कोर्ट द्वारा जनवरी 2024 में खारिज कर दिए गए थे। कंपनी ने कहा कि यह हमारे खिलाफ बार-बार किए गए हमलों की पुनरावृत्ति है, जिसका कोई आधार नहीं है।

हिंडनबर्ग की नई रिपोर्ट क्या कहती है?

हिंडनबर्ग ने अपनी नई रिपोर्ट में आरोप लगाया है कि सेबी चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच और उनके पति धबल बुच के पास उस विदेशी फंड में हिस्सेदारी है, जिसे अडानी समूह द्वारा कथित रूप से धन की हेराफेरी के लिए इस्तेमाल किया गया। रिपोर्ट के अनुसार, सेबी की मौजूदा प्रमुख और उनके पति का उस फंड में हिस्सा था, जिसे गौतम अडानी के बड़े भाई विनोद अडानी नियंत्रित करते थे। इस फंड का इस्तेमाल अडानी समूह के शेयरों की कीमत बढ़ाने और धन की हेराफेरी के लिए किया गया था।

हिंडनबर्ग ने अपने दावों को ‘व्हिसलब्लोअर दस्तावेजों’ पर आधारित बताया और कहा कि सेबी ने अडानी समूह के मॉरीशस और अन्य विदेशी मुखौटा इकाइयों की जांच में कोई विशेष रुचि नहीं दिखाई है। रिपोर्ट में यह भी आरोप लगाया गया है कि सेबी की चेयरपर्सन और उनके पति ने भारतीय म्यूचुअल फंड के बजाय कम परिसंपत्तियों वाले एक बहुस्तरीय विदेशी फंड में निवेश किया था।

सेबी चेयरपर्सन की सफाई

इन गंभीर आरोपों पर सेबी चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच और उनके पति ने संयुक्त रूप से एक बयान जारी कर हिंडनबर्ग के आरोपों को पूरी तरह बेबुनियाद बताया है। उन्होंने कहा कि यह सब उन्हें और उनकी छवि को बदनाम करने की एक सोची-समझी साजिश है।