नई दिल्ली। एक देश चुनाव की दिशा में केंद्र सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में आठ सदस्यीय समिति का गठन किया है। इस समिति में पूर्व राष्ट्रपति कोविंद के अलावा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी, सुभाष कश्यप, हरीश साल्वे, एनके सिंह, गुलाम नबी आजाद और संजय कोठारी को शामिल किया है। समिति के गठन के बाद विपक्षी खेमों से सियासी प्रतिक्रियाओं का सिलसिला तेज हो चुका है। कांग्रेस की ओर से मोर्चा संभालते हुए महासचिव केसी वेणुगोपाल ने जहां राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को समिति में शामिल नहीं करने को लेकर सवाल उठाए हैं, तो वहीं आम आदमी पार्टी ने इसे डमी कमेटी बताया है।
The High level committee constituted to give recommendations on “one nation, one poll” to have the following members pic.twitter.com/eUPhfqoZWS
— Vasudha Venugopal (@Vasudha156) September 2, 2023
उधर, तेजस्वी यादव ने इस समिति को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा। जिसमें उन्होंने कहा कि एक राष्ट्र और एक चुनाव की बात बाद में कीजिए। पहले एक इनकम तो कीजिए। लोगों के साथ आर्थिक इंसाफ कीजिए। चुनाव की बात बाद में कीजिएगा। वहीं, अब इस पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी का भी बयान सामने आया है। उन्होंने ट्वीट कह कहा कि इंडिया अर्थात भारत, राज्यों का एक संघ है। एक राष्ट्र, एक चुनाव का विचार संघ और उसके सभी राज्यों पर हमला है। तो इस तरह से इस पूरे मसले को लेकर सियासी प्रतिक्रियाएं शुरू हो चुकी हैं।
वहीं, अब अधीर रंजन चौधरी ने एक देश एक चुनाव कमेटी में शामिल होने से साफ इनकार कर दिया है। उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को लिखे पत्र में कहा कि मुझे कमेटी में शामिल होने से कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन मुझे डर है कि सरकार इस कदम से लोगों को धोखा ना दें। उन्होंने कहा कि यह एक तरह से संसदीय व्यवस्था का जानबूझकर किया गया अपमान है। ऐसी परिस्थितियों में मेरे पास आपके इस निमंत्रण को खारिज करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। ध्यान दें, बीते दिनों संसद के मानसून सत्र में पीएम मोदी पर आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर उन्हें निलंबित कर दिया गया था। इसके बाद उनके मामले को विशेषाधिकार समिति को भेज दिया गया था।
बता दें कि बीते दिनों केंद्र सरकार ने यकायक संसद का विशेष सत्र आहूत किया था, जिसमें वन नेशन वन इलेक्शन और महिला आरक्षण बिल पारित कराने की बात कही थी। वहीं, अब सरकार ने इसे जमीन पर उतारने के लिए आठ सदस्यीय समिति का गठन किया है, जिसे लेकर सियासत गरमा गई है। अब ऐसे में यह पूरा माजरा आगामी दिनों में क्या रुख अख्तियार करता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।