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Allegation: वकील का अखिलेश और परिजनों पर संगीन आरोप, कहा- एक ही पते और मोबाइल नंबर पर हैं 16 फर्जी कंपनियां

विश्वनाथ चतुर्वेदी ने ही सपा के सुप्रीमो रहे पूर्व सीएम और देश के रक्षा मंत्री पद संभाल चुके मुलायम सिंह यादव, अखिलेश यादव और मुलायम के सौतेले बेटे प्रतीक यादव के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया था। इस केस की शुरुआती जांच साल 2013 में हो चुकी है। सुप्रीम कोर्ट में केस चल रहा है।

लखनऊ। यूपी विधानसभा चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी यानी सपा के मुखिया अखिलेश यादव एक नए भंवर में फंस गए हैंँ। सुप्रीम कोर्ट के वकील और मुलायम के खानदान पर आय से अधिक संपत्ति का केस चलाने वाले विश्वनाथ चतुर्वेदी ने दावा किया है कि लखनऊ में अखिलेश के परिजनों की कई बेनामी कंपनियां हैं। चतुर्वेदी ने ये दावा भी किया है कि एक ही पते और मोबाइल नंबर पर 16 कंपनियां रजिस्टर्ड हैं। इससे पहले इनकम टैक्स और जीएसटी छापों में इत्र कारोबारी के फंसने और वहां से करोड़ों की रकम की बरामदगी में भी अखिलेश यादव को जोड़ा गया था। वकील विश्वनाथ चतुर्वेदी ने अखिलेश के सौतेले भाई प्रतीक यादव के साले अमन सिंह बिष्ट पर आय से ज्यादा संपत्ति का भी आरोप लगाया है। उनका कहना था कि अमन ने एक दर्जन से ज्यादा कंपनी बनाकर करोड़ों का लेन-देन किया है।

pratiek and aparna yadav

सीबआई को इस बारे में भेजी चिट्ठी का हवाला देते हुए विश्वनाथ चतुर्वेदी ने मीडिया से कहा कि सभी कंपनियों का पता 2/11 विराट खंड गोमती नगर है। उन्होंने पूरे मामले की सीबीआई जांच की मांग की है। वकील ने आरोप लगाया कि सपा सरकार के मुखिया के तौर पर जब अखिलेश सत्ता पर थे, तभी तमाम फर्जी कंपनियां बनाई गईंं और इनके जरिए अवैध लेन-देन किया गया। इन कंपनियों के मालिक विवेक यादव, प्रशांत सिंह और मनोज कुमार हैं। कंपनी का नाम पिसेसिया है और ये सभी अखिलेश यादव के करीबी हैं। चतुर्वेदी ने ये आरोप भी लगाया कि साल 2012 से 2017 तक कंपनी को काम मिला। उन्होंने मोनल इन्फ्रा प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी का भी जिक्र किया, जिसमें अमन बिष्ट भी हैं।

mulayam singh

बता दें कि विश्वनाथ चतुर्वेदी ने ही सपा के सुप्रीमो रहे पूर्व सीएम और देश के रक्षा मंत्री पद संभाल चुके मुलायम सिंह यादव, अखिलेश यादव और मुलायम के सौतेले बेटे प्रतीक यादव के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया था। इस केस की शुरुआती जांच साल 2013 में हो चुकी है। सुप्रीम कोर्ट में केस चल रहा है और काफी दिनों से इस मामले की सुनवाई नहीं हुई है। वहीं, एक टीवी इंटरव्यू में अखिलेश यादव पहले ही ये आरोप लगा चुके हैं कि विश्वनाथ चतुर्वेदी कांग्रेस के नेता हैं और कांग्रेस की शह पर ही उनके परिवार के खिलाफ आय से ज्यादा संपत्ति का केस दर्ज कराया गया था।