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लंबे इंतजार के बाद आखिर नई शिक्षा नीति को मिली कैबिनेट की मंजूरी, जानिए क्या हुए खास बदलाव

केंद्र सरकार ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय का नाम शिक्षा मंत्रालय कर दिया गया है। यह फैसला मोदी कैबिनेट की बैठक के दौरान लिया गया है। नई शिक्षा नीति के जरिए भारतीय शिक्षा पद्धति में अलग-अलग स्तर पर कुछ बदलाव होंगे जिससे शिक्षा के स्तर को सुधारा जाएगा।

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय का नाम शिक्षा मंत्रालय कर दिया गया है। यह फैसला मोदी कैबिनेट की बैठक के दौरान लिया गया है। शिक्षा क्षेत्र में बड़े सुधार के लिए केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को नई शिक्षा नीति (NEP) को मंजूरी दे दी है। इसका उद्देश्य एजुकेशन सिस्टम को पूरी तरह बदलना है। अब उच्च शिक्षा के लिए एक ही नियामक संस्था होगी। हालांकि, त्रिभाषा फॉर्मूला को जारी रखा गया है।

cabinet meeting

नई शिक्षा नीति के जरिए भारतीय शिक्षा पद्धति में अलग-अलग स्तर पर कुछ बदलाव होंगे जिससे शिक्षा के स्तर को सुधारा जाएगा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के जरिए प्राइमरी और सेकेंडरी स्तर पर कुछ बड़े बदलाव होने की संभावना है। इसके अलावा हायर एजुकेशन में भी बदलाव की उम्मीद है। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भारतीय भाषाओं के जरिए शिक्षा पर ज्यादा जोर हो सकता है। इसके अलावा भारतीय भाषाओं में लिखे गए साहित्य को भी पाठ्यक्रम में शामिल किया जा सकता है। स्थानीय भाषाओं की उत्पत्ति और इतिहास भी पाठ्यक्रम का हिस्सा हो सकते हैं, 6ठी कक्षा से लेकर 8वीं कक्षा के बीच यह सब पाठ्यक्रम का हिस्सा हो सकते हैं। संस्कृत भाषा और उसके वैज्ञानिक महत्व को भी पाठ्यक्रम में शामिल किया जा सकता है।

HRD Ministry

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में बोर्ड परीक्षाओं के पैट्रन में भी बदलाव किया जा सकता है, सालाना परीक्षा के बजाए समेस्टर परीक्षाओं पर जोर हो सकता है। इसके अलावा हर स्तर पर इतिहास के पाठ्यक्रम में भी बदलाव होने की संभावना है। आज होने वाली कैबिनेट की बैठक में इस शिक्षा नीति को मंजूरी मिलने की संभावना है।

HRD मंत्री और IB मंत्री करेंगे घोषणा

केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर और मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक कुछ देर में इसकी घोषणा करेंगे। नया अकादमिक सत्र सितंबर-अक्टूबर में शुरू होने जा रहा है और सरकार का प्रयास पॉलिसी को इससे पहले लागू करने का है।

1 मई को पीएम ने की थी नई शिक्षा नीति की समीक्षा

1 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई शिक्षा नीति की समीक्षा की थी। पूर्व इसरो चीफ के कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता में विशेषज्ञों की एक समिति ने इसका मसौदा तैयार किया है। कुछ राज्यों में हिंदी को लागू किए जाने को लेकर चिंता है, लेकिन एचआरडी मंत्रालय ने इसे दूर करने का भरोसा दिया है। शिक्षा क्षेत्र के सुधारों की पीएम मोदी की ओर से समीक्षा के बाद सरकार ने कहा था कि सरकार का उद्देश्य सभी को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, प्रारंभिक शिक्षा में सुधार लाना है। एक राष्ट्रीय पाठ्यक्रम लाया जाएगा जिसका फोकस कई भाषाओं, 21वीं सदी की कुशलता, खेल और कला आदि के समावेश पर होगा।

Ramesh Pokhariyal Nishank photo

स्कूली और उच्च शिक्षा में टेक्नॉलजी के इस्तेमाल को बढ़ावा देने पर भी विस्तार से चर्चा की गई थी। हालांकि, अधिकारियों ने यह नहीं बताया है कि क्या मसौदे में कोविड 19 संकट से मिले सबक को भी शामिल किया गया है।