नई दिल्ली। दिल्ली की चांदनी चौक लोकसभा सीट से टिकट न मिलने के बाद बीजेपी के निवर्तमान सांसद और पूर्व मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने सक्रिय राजनीति छोड़ने का एलान किया है। एक्स पर अपने पोस्ट में डॉ. हर्षवर्धन ने लिखा है कि सेवा ही उनका धर्म रहा है। उन्होंने लिखा है कि गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करने की खातिर ही मैंने कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज से पढ़ाई की। उन्होंने ये भी लिखा है कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय के अंत्योदय नीति से वो बहुत प्रभावित रहे हैं। डॉ. हर्षवर्धन ने लिखा है कि आरएसएस के तब के नेतृत्व के कहने पर मैं राजनीति में आया। उन्होंने लिखा है कि मुझे राजनीति में लाने में आरएसएस इसलिए सफल रही, क्योंकि मुझे गरीबी, बीमारी वगैरा से लड़ना था।
After over thirty years of a glorious electoral career, during which I won all the five assembly and two parliamentary elections that I fought with exemplary margins, and held a multitude of prestigious positions in the party organisation and the governments at the state and…
— Dr Harsh Vardhan (@drharshvardhan) March 3, 2024
डॉ. हर्षवर्धन ने ये भी लिखा कि बिना किसी खेद के उनको कहना है कि आम आदमी की सेवा में शानदार पारी खेली। ये काम दिल्ली और केंद्र की सरकारों में स्वास्थ्य मंत्री बनकर किया। उन्होंने लिखा है कि मुझे ये खास मौका मिला कि मैंने पहले भारत को पोलियो मुक्त कराने की दिशा में काम किया और फिर कोविड की बीमारी के दौरान जनता की सेवा की। बीजेपी नेता डॉ. हर्षवर्धन ने लिखा कि भगवान राम ने मुझे आशीर्वाद दिया कि मैं लोगों की जान बचा सकूं। उन्होंने पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं, फैंस और समर्थकों को धन्यवाद दिया और अंत में कहा कि मुझे वादे निभाने हैं और सोने से पहले मीलों का सफर तय करना है। इसके साथ ही उन्होंने लिखा कि दिल्ली के कृष्णानगर में ईएनटी क्लिनिक मेरा इंतजार कर रहा है।
बता दें कि इससे पहले दिल्ली से बीजेपी के निवर्तमान सांसद गौतम गंभीर और फिर पूर्व वित्त राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने भी एक्स पर पोस्ट कर सक्रिय राजनीति से अलग होने का एलान किया था। इन दोनों नेताओं ने भी खुद को मौका देने के लिए बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व को शुक्रिया कहा था। अब सक्रिय राजनीति से डॉ. हर्षवर्धन ने भी विदाई ले ली है। अब देखना ये है कि क्या और भी नेता इन तीनों की राह पर चलते हैं!