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War In Congress: पंजाब के बाद अब हरियाणा में बढ़ी सोनिया-राहुल की मुश्किल, कांग्रेस के इन दो दिग्गजों से परेशान

4 अप्रैल को हरियाणा कांग्रेस और कांग्रेस विधायक दल की बैठक हुई थी। कांग्रेस की बैठक में प्रभारी विवेक बंसल और कुमारी शैलजा तो शामिल हुए, लेकिन विधायक दल की दिल्ली में हुई बैठक की अध्यक्षता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने की थी। कांग्रेस की बैठक में पार्टी के 7 विधायक आए थे।

चंडीगढ़। पंजाब के कांग्रेस नेताओं के बीच टकराव को थामने में नाकाम रही कांग्रेस ने सत्ता गंवा दी। अब हरियाणा ने पार्टी आलाकमान की मुश्किल बढ़ा दी है। इसकी वजह हरियाणा कांग्रेस के दो दिग्गज नेताओं का आमने-सामने होना है। कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी के लिए हरियाणा को संभालना अब मुश्किल पड़ रहा है। यहां पार्टी अध्यक्ष कुमारी शैलजा और पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बीच खींचतान और बढ़ गई है। बीते दिनों खबर आई थी कि शैलजा ने पद से इस्तीफा देने की बात कही है। अब खबर ये है कि पार्टी के कार्यक्रमों से दूर रहने वाले विधायकों और नेताओं से कांग्रेस नेतृत्व जवाब मांगेगा।

hudda and selja

कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक अगर पार्टी के विधायकों और नेताओं को नोटिस जारी होता है, तो इससे शैलजा और हुड्डा के बीच खींचतान और बढ़ सकती है। पहले शैलजा और हुड्डा के बीच राहुल गांधी की मौजूदगी में ही तू-तू, मैं-मैं हो चुकी है। अब हुआ ये है कि 7 अप्रैल को चंडीगढ़ में कांग्रेस ने महंगाई के खिलाफ जो प्रदर्शन किया, उसमें हुड्डा के अलावा कुलदीप विश्नोई और किरण चौधरी समेत तमाम विधायक शामिल नहीं हुए। हुड्डा ने तो यहां तक कहा था कि जरूरी नहीं कि पार्टी के हर कार्यक्रम में जाना पड़े। इससे पहले एक बैठक के मसले पर भी दोनों के गुट आमने-सामने आ गए थे।

bhupender singh hudda

4 अप्रैल को हरियाणा कांग्रेस और कांग्रेस विधायक दल की बैठक हुई थी। कांग्रेस की बैठक में प्रभारी विवेक बंसल और कुमारी शैलजा तो शामिल हुए, लेकिन विधायक दल की दिल्ली में हुई बैठक की अध्यक्षता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने की थी। कांग्रेस की बैठक में पार्टी के 7 विधायक आए थे। इनमें 3 हुड्डा कैंप के थे और कुछ देर बाद वो दिल्ली की बैठक में चले गए थे। पार्टी की ओर से तब मामले को तूल न देते हुए कहा गया था कि रणनीति के तहत चंडीगढ़ और दिल्ली में अलग-अलग बैठक हुई। इससे पहले हुड्डा ने शैलजा पर तीखा तंज कसते हुए कहा था कि जिस शख्स में ईगो हो, उसे इसे छोड़ देना चाहिए। वहीं, शैलजा ने कहा था कि वो जन्म से कांग्रेसी हैं और उनकी कोई ईगो नहीं है।