नई दिल्ली। कांग्रेस को इन दिनों कई राज्यों से पार्टी के अंदर कलह की खबरों से दो-चार होना पड़ रहा है। पहले तो राजस्थान और पंजाब में पार्टी अंदरूनी कलह से जूझ रही थी वहीं केरल से भी कलह की खबरे सामने आ रही हैं। बता दें कि केरल से भी कांग्रेस (Congress)पार्टी के अंदर कई वरिष्ठ नेताओं में असंतोष जाहिर हो रहा है। ऐसे में यह स्थिति अब कांग्रेस के लिए नई मुसीबत के समान है। गौरतलब है कि केरल कांग्रेस में कई सीनियर नेताओं का एक वर्ग हाईकमान की ओर से दरकिनार और नजरअंदाज किए जाने से असंतुष्ट नजर आ रहा है। दरअसल दक्षिणी राज्य में कांग्रेस के भीतर ये असंतोष ऐसे समय में सामने आया है, जब केरल यूनिट के प्रमुख एम रामचंद्रन (M Ramachandran) और विपक्ष के नेता रमेश चेन्नीथला (Ramesh Chennithala) को पार्टी हटा दिया। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि ये सत्ता में वापसी करने में सफल नहीं रहे।
बता दें कि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) की अगुवाई वाले वाम लोकतांत्रिक मोर्चा ने पिछले महीने केरल में सत्ता में वापसी की। चेन्नीथला खेमे के नेताओं ने आरोप लगाया कि सम्मानजनक एग्जिट के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से उन्हें मिलने का भी समय नहीं दिया गया। उनका कहना है कि नए राज्य इकाई प्रमुख के चुनाव और विपक्षी नेता के ऐलान से पहले उनसे राय तक नहीं ली गई थी। वीडी सतीसन नए विपक्षी नेता हैं, जबकि के सुधाकरन को केरल कांग्रेस का नया प्रमुख बनाया गया है। चेन्नीथला का आरोप है कि, वो सम्मानजनक विदाई के हकदार थे, लेकिन उनके साथ ऐसा नहीं किया गया।
हालांकि कांग्रेस नेताओं का इस विवाद के बीच यह भी कहना है कि केरल में संकट उस तरीके का नहीं है जितना चुनाव वाले राज्य पंजाब या राजस्थान में है। हालांकि, वे चेन्नीथला, जो एक प्रमुख नेता हैं अगर उन्हें नहीं मनाया गया तो कांग्रेस केरल इकाई में गुटबाजी और भी चिंताजनक हो सकती है। बता दें कि इस साल की शुरुआत में, केरल में कांग्रेस के एक नेता पीसी चाको ने गुटबाजी का आरोप लगाते हुए पार्टी छोड़ दी थी।