नई दिल्ली। यकीन नहीं होता है…. ये तो वही अजय कोठियाल है न, जो उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के दौरान आम आदमी पार्टी की तारीफें करते नहीं थका करते थे। ये तो वही अजय कोठियाल है न, जो आम आदमी पार्टी के खातिर अपने राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ लोहा लेने से भी गुरेज नहीं करते थे। ये तो वही अजय कोठियाल है न, जिन्हें आम आदमी पार्टी के खिलाफ एक शब्द सुनना भी गवारा नहीं था, तो फिर ऐसा क्या हो गया कि अब उनका आम आदमी पार्टी से उनका मोह भंग हो गया। चलिए, मान भी लिया कि आम आदमी पार्टी से उनका मोह भंग हो गया, तो लेकिन भैया उन्होंने खुद बीजेपी की जमात में खुद को शामिल करने की जहमत कैसे उठा ली। कोठियाल साहब की तो राजनीतिक विचाराधारा भी बीजेपी अलहदा थी, तो ये हदय परिवर्तन कैसे हो गया।
बहरहाल, कोठियाल साहब बीजेपी की जमात में खुद को शुमार करने के लिए पिछले काफी दिनों से प्लानिंग कर रहे थे। हालांकि, अभी तक उन्होंने इस संदर्भ में कोई भी कथन सार्वजनिक नहीं किया है। आपको बता दें कि विगत 18 मई को ही अजय कोठिलाया ने आम आदमी पार्टी से इस्तीफा दिया था। उनके इस्तीफे खबर ने दिल्ली से लेकर उत्तराखंड की राजनीति में चर्चाओं का बाजार गुलजार कर दिया था। सवाल उठने लगे कि अब उनका अलगा कदम क्या हो सकता है। हालांकि, अपने अगले कदम के बारे में उन्होंने किसी भी प्रकार संकेत नहीं दिए थे और न ही सोशल मीडिया में भी कोई ऐसा फेरबदल किया था, जिससे की कोई कयास लगाए जा सकते, देसी भाषा में कहें तो उन्होंने अपने अगले कदम को लेकर कोई भी पत्ते नहीं खोले थे। लेकिन अब उन्होंने बीजेपी में शामिल होकर अपने पत्ते खोल दिए हैं।
Uttarakhand | AAP’s CM candidate for recently concluded Assembly elections Ajay Kothiyal joins BJP in the presence of CM Pushkar Singh Dhami in Dehradun. pic.twitter.com/ZbooDyNLei
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) May 24, 2022
आपको बता दें कि आज उन्होंने उत्तराखंड में सीएम पुष्कर सिंह धामी की मौजूदगी में बीजेपी का दामन थाम लिया है। इस मौके पर बीजेपी के कई अन्य नेता भी मौजूद थे। कर्नल कोठियाल ने कहा था, ‘‘मैं 19 अप्रैल 2021 से लेकर 18 मई 2022 तक आम आदमी पार्टी का सदस्य रहा हूं. पूर्व सैनिकों, अर्धसैनिक बलों के पूर्व कर्मियों, बुजुर्गों, महिलाओं, युवाओं और बुद्धिजीवियों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए मैं 18 मई को अपना इस्तीफा आपको भेज रहा हूं।’’ बता दं कि बीते दिनों उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में उनका खाता भी नहीं खोल पाया था। आप कह सकते हैं कि उनकी जमानत भी जब्त हो चुकी थी। खैर, अब जिस तरह से उन्होंने बीजेपी की दामन थामा है, उसके बाद उन्हें कौन सी जिम्मेदारी सौंपी जाती है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी। तब तक के लिए आप देश दुनिया की तमाम बड़ी खबरों से रूबरू होने के लिए पढ़ते रहिए। न्यूज रूम पोस्ट.कॉम