नई दिल्ली। कांग्रेस के नेता अजय माकन ने राजस्थान में पार्टी प्रभारी के पद से इस्तीफा देने का फैसला किया है। सूत्रों के मुताबिक अजय माकन ने 8 नवंबर को इस बारे में एक चिट्ठी कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को भेजी है। इस चिट्ठी में अजय माकन ने 25 सितंबर को जयपुर में हुई घटना का हवाला दिया है। उस तारीख को खड़गे और माकन जयपुर पहुंचे थे। उन्होंने विधायक दल की बैठक बुलाई थी, लेकिन सीएम अशोक गहलोत के करीबी विधायकों ने इस बैठक का विरोध किया था। इन विधायकों ने मांग रखी थी कि अगर गहलोत को सीएम पद से हटाया जाता है, तो किसी भी सूरत में सचिन पायलट को पद न सौंपा जाए।
इन विधायकों ने ये मांग भी की थी कि सचिन पायलट ने जब अपने करीबियों के साथ 2020 में बगावती तेवर दिखाए थे, तब राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बचाने में लगे विधायकों में से किसी को सीएम बनाया जाए। विधायकों ने ऐसा न होने पर सामूहिक इस्तीफे की धमकी दी थी। जिसके बाद माकन और खड़गे खाली हाथ दिल्ली लौट आए थे। माना जा रहा है उस अपमान का घूंट अब तक अजय माकन पी रहे थे। जिसके बाद अब उन्होंने पूरी घटना का हवाला देकर राजस्थान कांग्रेस प्रभारी पद से इस्तीफा देने का मन बनाया है। साथ ही उन्होंने अपनी चिट्ठी में लिखा है कि जल्दी ही राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा राजस्थान पहुंचने वाली है। इसके अलावा राज्य में 4 दिसंबर को उप चुनाव है। ऐसे में जल्दी ही नए प्रभारी की नियुक्ति कर ली जाए।
अजय माकन ने बताया है कि वो ट्रेड यूनियनों और एनजीओ की मदद से अब दिल्ली में कांग्रेस की सियासत पर फोकस करना चाहते हैं। माकन ने ये भी लिखा है कि पटरी दुकानदारों और अवैध कॉलोनियों में रहने वालों की मदद करना चाहते हैं। सूत्रों के मुताबिक माकन ने अपनी चिट्ठी में लिखा है कि उनकी तीन पीढ़ियां कांग्रेस के साथ रही हैं। वो राहुल गांधी के प्रति वफादार थे और आगे भी रहेंगे।