नई दिल्ली। एक सफल लोकतंत्र के लिए अभिव्यक्ति की आजादी सर्वोपरि है। इसके बिना लोकतंत्र बलहीन हो जाता है। जनता के हितों को हनन होना शुरू हो जाता है। लिहाजा एक लोकतांत्रिक देश में आपको एक से बढ़कर एक अभिव्यक्ति की आजादी के झंडाबरदार मिल जाएंगे और जम्हूरियत को सफल संचालित करने के लिए हमें ऐसे झंडाबरदारों की दरकार भी है, लेकिन जरा आप ही बताइए कि अभिव्यक्ति की आड़ में उलजुलून बयानबाजी कहां तक वाजिब है? अभिव्यक्ति की आड़ में प्रधानमंत्री जैसे गरिमामय पद पर बैठे किसी व्यक्ति की तोहिन करना कहां तक वाजिब है? जरा आप ही बताइए कि विपक्षी शक्तियों की आड़ में अपने निर्धारित हदों को पार कर देना कहां तक वाजिब है? बतौर विपक्षी दल आप विरोध करिए। यह आप संवैधानिक अधिकार है, लेकिन इस अधिकार की आड़ में अगर आर अपनी मर्यादा भूल जाएंगे तो यह विवेचना का विषय बनेगा, जो कि आगे चलकर आपके लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है।
जी हां… आने वाले चुनाव को ध्यान में रखते हुए कछ ऐसी ही मुश्किलें अपने लिए सपा के प्रमुख व उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव अपने लिए खड़ी कर गए। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के बारे में उलजुलून बयानबाजी कर दी। हम आपको बताएंगे कि अखिलेश यादव ने अपने विवादित बयान में पीएम मोदी के संदर्भ में क्या कुछ कहा, लेकिन उससे पहले हम आपको बताते चले कि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी वासियों को बड़ा उपहार दिया है। उन्होंने काशी विश्ननाथ कॉरिडोर का लोकापर्ण किया है। जिसकी नींव उन्होंने साल 2019 में रखी थी।
इस बीच उन्होंने इस कॉरिडोर के निर्माण करने वाले श्रमिकों के ऊपर फूल भी बरसाए और उनके साथ भोजन भी किया। जिसे लेकर लोगों की तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही है। वहीं, पीएम मोदी के काशी दौरे को लेकर सियासी गलियारों की गलियां सियासी सूरमाओं की सियासी प्रतिक्रियाओं से गुलजार हो चुकी हैं।
PM Modi के काशी दौरे पर बिगड़े अखिलेश के बोल, कहा- ‘बनारस बहुत अच्छी जगह है, आखिरी समय में वहीं रहा जाता है’ pic.twitter.com/w5VKvErkW7
— Newsroom Post (@NewsroomPostCom) December 13, 2021
कोई कुछ तो कुछ कह रहा है, लेकिन इस बीच अखिलेश यादव के बयान से बलाल मच चुका है। उन्होंने मीडिया से मुखातिब होने के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में अपने अंदर पल्लिवत हो रहे अभद्र भावों को बेहद ही अल्प शब्दों में बयां कर गए।
दरअसल, अखिलेश यादव से जब कहा गया है कि वाराणसी में एक माह का एक कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है, तो इस पर उन्होंने कहा कि बहुत अच्छी बात है, एक महीना नहीं, दो नहीं, बल्कि पूरे तीन महीने वो ( पीएम मोदी) वहीं रहें। वो जगह अच्छी है। रहने वाली है। आखिरी समय पर वही बनारस में ही रहा जाता है। वहीं, पीएम मोदी के संदर्भ में इस्तेमाल किए गए इन शब्दों को लेकर सीएम अखिलेश यादव एक मर्तबा फिर से लोगों के निशाने पर आ गए हैं। जिस तरह उन्होंने आपत्तिजनक शब्दों और भावों को पीएम मोदी के संदर्भ में इस्तेमाल किया है, उसे लेकर उन्हें लोगों के कहर का सामना करना पड़ा है।
अखिलेश यादव के बयान से बिफरे लोग
वहीं, अखिलेश यादव की इन आपत्तिजनक बयान को लेकर लोगों ने उनकी जमकर क्लास लगा दी है। इससे पहले भी वे अपने उल जुलूल बयानों को लेकर लोगों के कहर का शिकार बन चुके हैं। आइए, आपको दिखाते हैं कि लोगों ने क्या कुछ कहा।
Derogatory remarks not against Modi but also against Janata off Kashi.
— Naitik (@naitikopno12) December 13, 2021
शर्म आनी चाहिए. ये दिखलाता है आपकी हार और bhaykhlahat ko.
— Neeraj Tiwari (@ntiwari777) December 13, 2021
tonti chor pagal ho chuka hai.
— Asst. to Regional Manager (Dwight Schrute) (@soul_2_squeeze) December 13, 2021