सतना। विपक्षी दलों के इंडिया गठबंधन में शामिल समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव की कांग्रेस से नाराजगी बनी हुई है। अखिलेश यादव ने एक बार फिर कांग्रेस पर जोरदार निशाना साधा है। मध्यप्रदेश के सतना में अखिलेश यादव ने मीडिया से बात करते हुए कांग्रेस पर जातिगत जनगणना न कराने का आरोप लगाया। अखिलेश यादव ने कहा कि आजादी के बाद जातिगत जनगणना न कराने वाली पार्टी कांग्रेस है। सपा के अध्यक्ष ने कहा कि संसद में तत्कालीन सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव, लालू प्रसाद यादव और शरद यादव ने लगातार जातिगत जनगणना कराने की मांग रखी, लेकिन कांग्रेस ने इससे इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि आज कांग्रेस जातिगत जनगणना कराने की बात कर रही है, क्योंकि उसे पता है कि उसका परंपरागत वोट बैंक अब साथ नहीं है। उन्होंने कहा कि जिस पिछड़ा और दलित समुदाय को कांग्रेस साधने की कोशिश कर रही है, वो समुदाय भी कांग्रेस के बारे में हकीकत समझ चुका है कि धोखा किसने दिया। सुनिए अखिलेश यादव ने कांग्रेस पर कैसे निशाना साधा।
#WATCH | Satna, Madhya Pradesh: On Rahul Gandhi’s statement, SP Chief Akhilesh Yadav says, “…Congress is the party which did not conduct caste census after independence… When all the parties in the Lok Sabha were demanding a caste census, they did not conduct a caste census.… pic.twitter.com/aYEaUU9SwT
— ANI (@ANI) November 13, 2023
अखिलेश यादव इससे खफा हैं कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस ने उनके साथ विधानसभा चुनाव में सीटों का बंटवारा नहीं किया। अखिलेश यादव ने कांग्रेस से मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए 6 सीटें मांगी थीं। अखिलेश यादव ने पहले आरोप लगाया है कि कांग्रेस के नेताओं कमलनाथ और दिग्विजय सिंह से सपा के नेताओं ने लंबी मीटिंग भी की और उसमें 4 सीटें देने की बात भी हुई थी, लेकिन सपा को फिर कांग्रेस ने एक भी सीट नहीं दी। जातिगत जनगणना न कराने के मामले में अखिलेश यादव पहले भी कांग्रेस को निशाने पर ले चुके हैं। अखिलेश यादव ने मध्यप्रदेश में सपा के आधा सैकड़ा के करीब उम्मीदवार उतारे हैं और जहां भी चुनाव प्रचार करने जाते हैं, वहां कांग्रेस को धोखेबाज बताकर उसपर निशाना साधते हैं।
अखिलेश और कांग्रेस के बीच छत्तीस का जो आंकड़ा बना है, वो विपक्षी दलों के गठबंधन और देश की सबसे पुरानी पार्टी के लिए दिक्कत का सबब बन सकता है। दरअसल, यूपी में लोकसभा की 80 सीट हैं। कहा जाता है कि जो भी यूपी में ज्यादा लोकसभा सीटें जीतता है, उसकी ही सरकार केंद्र में बनती है। अगर सपा और कांग्रेस के बीच तनातनी इसी तरह बनी रही और लोकसभा चुनाव में यूपी में हर सीट पर सपा और कांग्रेस में मुकाबला हुआ, तो इससे कांग्रेस को बड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने यूपी में सिर्फ रायबरेली सीट ही जीती थी। यहां तक कि राहुल गांधी भी कांग्रेस का गढ़ कही जाने वाली अमेठी सीट पर बीजेपी की स्मृति इरानी से हार गए थे।