नई दिल्ली। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान को बीते शुक्रवार को रिहाई मिल गई है। वे विगत 27 माह से सीतापुर में बकरी चोरी समेत किताब चोरी मामले में जेल में बंद थे। उनके खिलाफ कई धाराओं के तहत केस दर्ज कराया गया था। जेल में रहने के दौरान उनकी गतिविधियों ने काफी सुर्खियां बटोरी थी। बीते दिनों कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने आजम खान से मुलाकात करने के बाद उनके दर्द को बयां करते हुए कहा था कि वे पूरी तरह से टूट चुके हैं। स्थिति इतनी दुखदायी हो चुकी है कि उनके अपने ही उनका साथ छोड़ चुके हैं। साफतौर पर उनका इशारा समाजवादी पार्टी के नेताओं की ओर था। बता दें कि आजम का कथित तौर पर यह शिकवा था कि जेल में रहने के दौरान सपा का कोई भी नेता उनसे मुखातिब होने नहीं पहुंचा था। यहां तक कभी सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी उनसे मुखातिब होने की जहमत नहीं उठाई थी। जिसका जिक्र बीते दिनों आजम के मीडिया सलाहकार फसाहत खान ने भी किया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि सीएम योगी आदित्यनाथ ठीक ही करते हैं कि अखिलेश यादव नहीं चाहते हैं कि आजम सलाखों के बाहर आए।
आजम ने अपना पूरा जीवन सपा को दे दिया है, लेकिन आज उनकी मुश्किल घड़ी में सपा का कोई भी नेता उनका साथ नहीं दे रहा है। यहां तक की सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी आजम से मिलने की जहमत नहीं उठाई। लेकिन बीते शुक्रवार को आजम खान को 27 महीने के जेल के बाद रिहाई मिल गई। वहीं, जेल से रिहा होने के बाद उन्होंने मीडिया को साक्षात्कार दिया है, जिमसें उन्होंने कई मसलों को लेकर अपनी राय रखी है और साक्षात्कार के दौरान पूछे गए सभी सवालों का जवाब दिया है, लेकिन विशेषतौर पर जब उनसे अखिलेश यादव के बारे में पूछा गया तो उन्होंने जो जवाब दिया, उसे लेकर सियासी गलियारों में चर्चागोशियों का बाजार गुलजार हो चुका है ।आइए, हम आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं। दरअसल, उनसे पूछा गया था कि आपसे जेल में शिवपाल यादव मिलने पहुंचे थे, लेकिन अखिलेश यादव नहीं पहुंचे थे। आपको क्या लगता है। क्या वजह रही होगी। तो इस पर आजम खान ने कहा कि अब क्या वजह रही होगी, मुझे नहीं पता है। और जिला प्रशासन की बड़ी पाबंदियां थीं… मैं तो किसी से मिल ही नहीं सकता था, क्योंकि बड़ी पाबंदियां थीं। मुझे बाहर की दुनिया के बारे में कुछ नहीं पता। मैं बहुत छोटी-सी कब्र में रहता था, जिसमें अंग्रेज फांसी देने से पहले कैदी को रखते थे। उस कोठरी में रहता था।
इसके बाद जब अखिलेश यादव से आगे पूछा गया कि क्या आप अखिलेश यादव से नाराज हैं। तो इस पर आजम ने कहा कि देखिए मैं किसी से नाराज नहीं हूं। आखिर मेरा किसी ने क्या बिगाड़ा है। मैं सपा का छोटा से नेता हूं। बड़े-बड़े नेताओं पर टिप्पणी करना मुनासिब नहीं समझता हूं। बता दें कि जेल में रहने के दौरान लगातार इस बात की चर्चा सियासी गलियारों में अपने चरम पर रहती थी कि आजम खान सपाइयों से नाराज चल रहे हैं। इतना ही नहीं, बीते दिनों तो ओवैसी सरीखे नेताओं नेताओं आजम खान एआईएमआईएम में शामिल का प्रस्ताव भी दिया था। यही नहीं, ओवैसी ने खुद को आजम को छोटा भाई भी बताया था। बहरहाल, आजम के लबों पर आए हर्फों ने एक बात तो साफ कर दिया है कि वे पार्टी से जरूर खफा हैं। अब वो और बात है कि वे इसे बयां नहीं कर पा रहे हैं। बहरहाल, अब आगामी दिनों में उनकी सपा में कैसी गतिविधि रहती है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी। तब तक के लिए आप देश दुनिया की तमाम बड़ी खबरों से रूबरू होने के लिए पढ़ते रहिए। न्यूज रूम पोस्ट .कॉम