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UP: अखिलेश का विपक्षी एकता को झटका, कांग्रेस का गढ़ माने जाने वाले अमेठी से प्रत्याशी उतारने के दिए संकेत

Uttar Pradesh: इससे पहले गठबंधन ना होते हुए भी कई मौकों पर समाजवादी पार्टी ने अमेठी से उम्मीदवार नहीं उतरा था। नेहरू-गांधी परिवार की ये पारंपरिक सीट रही है। लेकिन साल 2019 लोकसभा चुनाव में भाजपा नेता स्मृति ईरानी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को शिकस्त देकर उनके किला को ध्वस्त कर दिया था।

नई दिल्ली। यूपी की सियासत से एक बड़ी खबर सामने आ रही है। साल 2024 में लोकसभा चुनाव होने है। लेकिन उससे पहले सभी दलों ने अभी चुनाव जीतने के लिए कोशिश करनी शुरू कर दी है। समाजवादी पार्टी ने  2024 चुनाव को लेकर तैयारी तेज कर दी है। इसी क्रम में सपा प्रमुख और पूर्व सीएम अखिलेश यादव कांग्रेस के गढ़ माने जाने वाले अमेठी पहुंचे। जहां उन्हें बड़ा ऐलान कर दिया है। जो कि इस सोशल मीडिया और यूपी सियासत में चर्चा का केंद्र बन गया हैं। दरअसल समाजवादी पार्टी ने अमेठी से लोकसभा उम्मीदवार उतारने के संकेत दिए हैं। बता दें कि इस वक्त से केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी सांसद हैं। ये सीट गांधी परिवार की पारंपरिक सीट मानी जाती है। वहीं सपा के अमेठी से प्रत्याशी उतारने के संकेत के बाद विपक्षी एकता भी सवाल उठ रहे है।

इससे पहले गठबंधन ना होते हुए भी कई मौकों पर समाजवादी पार्टी ने अमेठी से उम्मीदवार नहीं उतरा था। नेहरू-गांधी परिवार की ये पारंपरिक सीट रही है। लेकिन साल 2019 लोकसभा चुनाव में भाजपा नेता स्मृति ईरानी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को शिकस्त देकर उनके किला को ध्वस्त कर दिया था।

smriti irani and rahul gandhi

अखिलेश यादव ने ट्वीट कर दिए संकेत-

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने अपने ट्वीट में लिखा, ”अमेठी में ग़रीब महिलाओं की दुर्दशा देखकर मन बहुत दुखी हुआ। यहाँ हमेशा वीआईपी जीते और हारे हैं, फिर भी यहाँ ऐसा हाल है तो बाकी प्रदेश का क्या कहना। अगली बार अमेठी बड़े लोगों को नहीं बड़े दिलवाले लोगों को चुनेगा। सपा अमेठी की दरिद्रता को मिटाने का संकल्प उठाती है।”

वैसे अब तक के चुनावों में सपा अमेठी लोकसभा सीट से किसी भी प्रत्याशी को मैदान में नहीं उतारती थी। लेकिन इस दफा सपा प्रमुख ने इशारों ही इशारों में उम्मीदवार के उतरने के संकेत देकर विपक्षी एकता को झटका देने का काम किया है। गौरतलब है कि साल 2004 से 2014 तक राहुल गांधी अमेठी से सांसद बनाकर लोकसभा पहुंचे थे। इसके बाद 2019 लोकसभा चुनाव में भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने उन्हें पटखनी देते हुए गांधी-नेहरू परिवार का किला ढह दिया था।