newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Video: व्यापारी सम्मलेन में नारेबाजी के बाद मंच छोड़कर भागे अखिलेश यादव! सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो

अखिलेश यादव का ये व्यवहार इस ओर इशारा करता है कि वे भाषण के बीच में हो रही नारेबाजी से बेहद नाराज हो गये थे। हालांकि अखिलेश यादव ने कुछ देर तक लोगों को संबोधित किया और कहा कि ये सरकारें केवल बेचने का काम कर रही है। आज कपडा डीजल और पेट्रोल के दाम कहां पहुंच गए है।

नई दिल्ली। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव रविवार को लखनऊ में आयोजित में एक व्यापारी सम्मलेन को संबोधित करने पहुंचे थे। व्यापारियों को संबोधित करते हुए अखिलेश यादव ने बीजेपी सरकार पर जमकर हमला बोला। लेकिन अखिलेश यादव लगभग 17 मिनट तक ही व्यापारियों को संबोधित किया और फिर अचानक अपना भाषण बंद कर वहां से बिना कुछ कहे ही निकल गये। इसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी वायरल हो रहा है।

akhilesh yadav vyapari sammelan

दरअसल कहा जा रहा है कि अखिलेश यादव जब भाषण दे रहे थे तब कुछ व्यापारी नारेबाजी कर रहे थे। अखिलेश ने कई बार उन्हें रोकने की कोशिश की लेकिन वे नहीं माने। इसके बाद अखिलेश ने नारेबाजी कर रहे लोगों का मजाक ही उड़ाया, फिर भी वे नहीं मानें। इसके बाद अखिलेश यादव कहते हैं कि थोड़ा सा आराम कर लो? कौन से व्यापार से जुड़े हो? किस जिले से हो? कहां से आये हो? हालांकि इतनी देर तक अखिलेश यादव संयम खो चुके थे। शायद उन्हें एहसास हो चुका था कि वे यहां भाषण नहीं दे पायेंगे।

vyapari sammelan SP Lucknow

नारेबाजी से ना सिर्फ अखिलेश यादव बल्कि मंच पर खड़े नेताओं के चेहरे की हवाईयां उड़ीं हुईं थी। अखिलेश यादव के जब मना करने के और मंच पर खड़े नेताओं के बार-बार के इशारे पर भी जब नारेबाजी बंद नहीं हुई थी तो अखिलेश यादव बिना अपना भाषण पूरा किये अचानक अपने कागज़ उठाये और धन्यवाद बोलते हुए मंच की दूसरी छोर पर चले गये। इसके बाद उन्हें आभास हुआ कि बाहर निकलने का रास्ता तो दूसरी तरफ है तो वे वापस एग्जिट गेट की तरफ तेजी से बढ़े और तेजी से हॉल से बाहर निकल गये।

देखिए वीडियो

अखिलेश यादव का ये व्यवहार इस ओर इशारा करता है कि वे भाषण के बीच में हो रही नारेबाजी से बेहद नाराज हो गये थे। हालांकि अखिलेश यादव ने कुछ देर तक लोगों को संबोधित किया और कहा कि ये सरकारें केवल बेचने का काम कर रही है। आज कपडा डीजल और पेट्रोल के दाम कहां पहुंच गए है। इसका मुनाफा कहां पहुंच गया है। ट्रांसपोर्टरों का बिजनेस पूरा ठप हो गया है। व्यापारियों की सुरक्षा को खतरा है। ठोंको राज की नीति में न जाने कितने लोगो की जाने चली गयी। थानों में सबसे ज्यादा पुलिस हिरासत में मौते हुई हैं। सबसे ज्यादा लूट और हत्याएं व्यापारियों की ही हुई हैं।

Video: Farm laws repeal: कितना जरूरी था पीएम मोदी का ये कदम, किसानों का रुख और विपक्ष का नजरिया