जयपुर। राजस्थान में एक बार फिर कांग्रेस के दो दिग्गजों सीएम अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बीच जंग का मैदान सज गया है। इसकी वजह गहलोत का बयान है। अशोक गहलोत ने बीते दिनों सचिन पायलट पर अहसान करने वाला बयान दिया था। इसके जवाब में अब सचिन पायलट ने गहलोत के बेटे वैभव का नाम लेते हुए अपनी हैसियत दिखाते हुए पलटवार किया है। पहले आपको बताते हैं कि सचिन पायलट ने क्या कहा है। मंगलवार को सचिन ने कहा कि साल 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने गहलोत के बेटे वैभव को टिकट देने की पैरवी की थी। जबकि, कांग्रेस आलाकमान उसे टिकट देने के पक्ष में नहीं था। इस चुनाव में वैभव को बीजेपी के गजेंद्र शेखावत ने जोधपुर सीट से 2.7 लाख वोट से हराया था।
सचिन पायलट का ये बयान अशोक गहलोत के बयान के बाद आया है। अभी 9 मार्च को गहलोत ने एक कार्यक्रम में कहा था कि जब साल 2009 में राजस्थान से कांग्रेस को 20 सीट मिली थीं, तो उन्होंने केंद्रीय मंत्री के तौर पर सचिन पायलट समेत 4 सांसदों के नाम की सिफारिश की थी। गहलोत ने कहा था कि सचिन पायलट का मेरे पास फोन आया था। वो केंद्र में मंत्री बनने के लिए मुझसे मदद का आग्रह कर रहे थे। तब मैंने सचिन से कहा था कि आप आज ये कह रहे हैं, लेकिन मैं तो पहले ही आपका नाम पार्टी आलाकमान को भेज चुका हूं।
बता दें कि सचिन और अशोक गहलोत के बीच काफी तनातनी हुई थी। साल 2020 में हुई इस तनातनी के बाद कांग्रेस आलाकमान ने गहलोत के कहने पर सचिन पायलट को प्रदेश अध्यक्ष और डिप्टी सीएम पद से हटा दिया था। तभी से सचिन पायलट नाराज चल रहे हैं। हालांकि, पायलट की तरफ से गहलोत को दी गई चुनौती उस वक्त खत्म हो गई थी, जब गहलोत ने उनके समर्थक कई विधायकों को अपने पाले में कर लिया था। अब फिर दोनों के बीच तंज कसने की जंग से लग रहा है कि आने वाले दिनों में राजस्थान में फिर कांग्रेस दो खेमों में बंट सकती है। राजस्थान में अगले साल विधानसभा चुनाव भी होने वाले हैं।