नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में विधानसभा सीटों को लेकर सियासी गलियों में उथल-पूथल देखा जा रहा है। वहीं अब इस मामले का निवारण करने के लिए परिसीमन आयोग जम्मू-कश्मीर पहुंच गया है। जहां सर्वदलीय बैठक का आयोजन किया जाएगा। हालांकि सभी दलों को इस बैठक में शामिल होने का मौका दिया गया है, लेकिन पीडीपी ने खुद इस बैठक से खुद को दूर रखने का फैसला किया है। इसके अलावा भारतीय जनता पार्टी (BJP), कांग्रेस, नेशनल कॉन्फ्रेंस समेत कई क्षेत्रीय राजनीति दल इस बैठक में शामिल होने जा रहे हैं। लेकिन इस बीच यह जानना भी जरूरी है कि परिसीमन को लेकर दलों की मांग क्या है।
कांग्रेस– परिसीमन को लेकर पीसीसी के प्रमुख जीए मीर का कहना है कि पार्टी जम्मू-कश्मीर में विधानसभा क्षेत्रों के पारदर्शी और समयबद्ध परिसीमन की मांग करेगी। ताकि लोगों के बीच चल रहा संदेह हो जाए। साथ ही कहा कि सर्वदलीय बैठक में गृह मंत्री ने आश्वासन दिया कि आयोग स्वतंत्र रूप से काम कर रहा है, हमें उम्मीद है कि आश्वासन सही साबित होगा।
भारतीय जनता पार्टी– परिसीमन को लेकर बीजेपी नेता का कहना है कि बीजेपी चाहती है कि परिसीमन दो हिस्सों- पहाड़ी इलाके और मैदानी इलाकों में हो। निर्वाचन क्षेत्र बनाने में मतदाता भी एक कारक होना चाहिए।
राष्ट्रवादी पैंथर्स पार्टी– पार्टी के अध्यक्ष हर्षदेव सिंह का कहना है कि परिसीमन आयोग से पार्टी की मांग है कि जम्मू और कश्मीर संभागों के लिए भी समान विधानसभा सीटों हों।
पीपुल्स कॉन्फ्रेंस– पीपुल्स कॉन्फ्रेंस पार्टी ने भी परिसीमन आयोग से मुलाकात करने का फैसला किय है। जिस पर पार्टी के प्रवक्ता अदनान अशरफ का कहना है कि पीपुल्स कॉन्फ्रेंस ने आयोग से मिलने और विधानसभा सीटों के परिसीमन की बहुत पारदर्शी प्रक्रिया की इच्छा रखने का फैसला किया है।
J&K अपनी पार्टी: JKAP के अध्यक्ष सैयद अल्ताफ बुखारी ने परिसीमन आयोग के सदस्यों से मिलने और विधानसभा सीटों के स्वतंत्र और निष्पक्ष परिसीमन की मांग करने के पार्टी के फैसले की घोषणा की है।
BSP: बहुजन समाज पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सोम नाथ मजोत्रा का कहना है कि पार्टी 8 जुलाई को पार्टी परिसीमन आयोग से मुलाकात करेगा और जम्मू-कश्मीर विधानसभा में अनुसूचित जाति आरक्षित सीटों को सात से बढ़ाकर 10 करने की मांग करेगा।
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी– हालांकि पीडीपी ने इस सर्वदलीय बैठक से दूरी बना ली है। लेकिन पार्टी की नेता महबूबा मुफ्ती ने मांग जम्मू-कश्मीर में धारा 370 लागू करने की मांग की है।