newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Gyanvapi Case: ज्ञानवापी…मस्जिद या मंदिर? इलाहबाद HC कल मुस्लिम पक्ष की याचिका पर करेगा सुनवाई, हिंदू पक्ष ने भी दाखिल की कैविएट

Gyanvapi Case:इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष को इलाहबाद हाईकोर्ट जाने को कहा था। इसके बाद मुस्लिम पक्ष ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। जिस पर अब कल सुनवाई होगी । बता दें कि कल ही सुनवाई के लिए बैंच का गठन किया जाएगा। उधर, हिंदू पक्ष ने इसके विरोध में कोर्ट में कैविएट याचिका दाखिल कर दी थी, ताकि उनका पक्ष भी सुना जा सकें।

नई दिल्ली। अब ज्ञानवापी मामले की सुनवाई इलाहबाद हाईकोर्ट कल यानी की बुधवार को करेगा। हालांकि, सुनवाई आज होनी थी, लेकिन कुछ कारणों से अब सुनवाई कल होगी। बता दें कि बीते मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने ज्ञानवापी के सर्वे पर 26 जुलाई शाम पांच बजे तक रोक लगा दी थी। दरअसल, मुस्लिम पक्ष ने वाराणसी जिला अदालत द्वारा एएसआई सर्वे के फैसले के विरोध में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी, जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष को बड़ी राहत दे दी थी। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष को इलाहबाद हाईकोर्ट जाने को कहा था। इसके बाद मुस्लिम पक्ष ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। जिस पर अब कल सुनवाई होगी। बता दें कि कल ही सुनवाई के लिए बैंच का गठन किया जाएगा। उधर, हिंदू पक्ष ने इसके विरोध में कोर्ट में कैविएट याचिका दाखिल कर दी है, ताकि उनका पक्ष भी सुना जा सकें।

बता दें कि बीते दिनों वाराणसी जिला अदालत ने ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वे कराने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने अपने निर्देश में कहा था कि वजूखाने और शिवलिंग को छोड़कर शेष सभी हिस्सों का सर्वे कराया जाए, ताकि सच्चाई सामने आ सकें। सोमवार सुबह सात बजे सर्वे टीम ज्ञानवापी मस्जिद पहुंच चुकी थी , जिसे ध्यान में रखते हुए पूरे जिले में सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद कर दी गई थी, लेकिन इस  सर्वे के विरोध में मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर दी, जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने 26 जुलाई शाम पांच बजे तक सर्वे पर रोक लगा दिया। जिसे मुस्लिम पक्ष के लिए बड़ी राहत के रूप में देखा गया। ध्यान दें कि मुस्लिम पक्ष शुरू से ही सर्वे का विरोध करता हुआ आ रहा है।

मुस्लिन पक्ष का दावा है कि यह ज्ञानवापी मस्जिद एक मस्जिद ही है। हिंदू पक्ष द्वारा किए जा रहे दावे बेबुनियादी हैं। लेकिन, हिंदू पक्ष का कहना है कि यह मस्जिद नहीं, बल्कि मंदिर है, जिसकी सच्चाई पुरातात्विक सर्वे के बाद ही सामने आएगी।