लखनऊ। योगी सरकार और भाजपा को लेकर अक्सर तल्ख अंदाज दिखाने वाले शायर मुनव्वर राना को इलाहाबाद हाई कोर्ट से तगड़ा झटका लगा है। बता दें कि शायर मुनव्वर राना को एक मामले में अब गिरफ्तारी का सामना करना पड़ सकता है। दरअसल वाल्मीकि समाज को आहत करने को लेकर मुनव्वर राना ने एक विवादित बयान दिया था। जिसको लेकर राना के खिलाफ लखनऊ हजरतगंज थाने में केस दर्ज हुआ है। इसको लेकर राना हाईकोर्ट पहुंचे थे और गिरफ्तारी पर रोक लगाने की याचिका दी थी। वहीं इस याचिका पर इनकार करते हुए कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी है। उनकी याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस सरोज यादव की बेंच ने इस याचिका को खारिज करते हुए मुनव्वर राना को नसीहत दी कि उनका जो काम है, उन्हें वहीं करना चाहिए।
क्या कहा था मुनव्वर राना ने
वाल्मीकि को लेकर मुनव्वर राना ने तालिबान से तुलना करते हुए कहा था कि, “हिंदुस्तान को तो अब भी अफगानिस्तान से नहीं, बल्कि पाकिस्तान से डरने की जरूरत है। तालिबानियों का कश्मीर से कोई लेना-देना नहीं है। वाल्मीकि जी पहले क्या थे और बाद में क्या हो गए? तालिबानी भी पहले से बदल चुके हैं। अब पहले जैसा माहौल नहीं है।”
कोर्ट ने दी नसीहत
राना के इस तरह के बयान पर लखनऊ के हजरतगंज थाने में 20 अगस्त को एफआईआर दर्ज कराई गई थी। इसे लेकर राना की तरफ से इस एफआईआर को रद्द करने और विवेचना के दौरान उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग की गई थी। ऐसे में कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए उनके अधिवक्ता से कहा कि आखिर इस तरह की बातें आप लोग क्यों बोलते हैं। आपका जो काम है वही करिये। इस तरह का मामला संवेदनशील होता है।
याचिका खारिज
इसके अलावा सुनवाई कर रही पीठ ने राना के अधिवक्ता से कहा कि याचिका पर कोई दखल नहीं दिया जा सकता। आप जाकर अग्रिम जमानत की अर्जी दे सकते हैं। यह कहकर कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी।