नई दिल्ली। गत दिनों बढ़ती जनसंख्या को लेकर संयुक्त राष्ट्र ने एक प्रतिवेदन जारी किया था, जिसमें उल्लेख किया गया था कि भारत अब जनसंख्या के मामले में चीन को पछाड़कर पहले पायदान पर आ चुका है। यानी की अगर अब आप से कोई सवाल पूछे कि पूरी दुनिया में सर्वाधिक जनसंख्या किस देश की है? तो आपका सही जवाब चीन नहीं, बल्कि भारत होगा। वहीं इस रिपोर्ट के जारी किए जाने के बाद जहां पूरे देश में बढ़ती जनसंख्या की विसंगतियों पर चर्चा-परिचर्चा हो रही है, तो वहीं आपको यह जानकर हर्ष महसूस होगा कि अमेरिकन ब्लॉगर और आर्थिक उद्घघोषक नूह स्मिथ ने विसंगतियों पर नहीं, बल्कि बढ़ती जनसंख्या को एक अवसर के रूप में पेश किया और साथ ही इस बात का भी खाका पेश किया है कि कैसे इस बढ़ती जनसंख्या का कुशलतापूर्वक उपयोग कर भारत वैश्विक आर्थिक मंच पर अमिट छाप छोड़ सकता है?
India, now the world’s largest country, has emerged as a global economic powerhouse and a massive presence in the online world.
Let’s welcome it.https://t.co/ZcRmbz3JPj
— Noah Smith ??? (@Noahpinion) April 28, 2023
द इकोनॉमिस्ट की एक रिपोर्ट के अनुसार, चीन की जनसंख्या 30-60 आयु सीमा में केंद्रित है, जबकि भारत की जनसंख्या प्रमुख रूप से 0 और 40 के बीच है। चीन में औसत आयु 37-38 के करीब है, जबकि भारत में लगभग 22- है। 23. इन नंबरों के साथ, नूह स्मिथ का तर्क है कि भारत को वैश्विक मोर्चे पर नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।
सकल घरेलू उत्पाद
स्मिथा ने अपने जारी किए गए रिपोर्ट में कहा कि भारत ने चीन की तुलना में लगभग 10 साल बाद आर्थिक विकास शुरू किया और यह प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद में परिलक्षित होता है। हालांकि, वर्तमान आर्थिक विकास और विश्व बैंक के निष्कर्ष को देखते हुए और कोविड-19 की दूश्वारियों के बावजूद भारत ने गरीबी में उल्लेखनीय कमी दर्ज की है। अमेरिकी ब्लॉगर ने कहा कि 2023 भारत का वर्ष होगा क्योंकि 2007 चीन का वर्ष था। भारत ने जीडीपी का बड़ा हिस्सा ट्रेन, बस और अन्य आधारिक संरचना को विकसित करने में व्यय किया है।
उन्होंने कहा कि भारत की जनसंख्या की एक कमजोरी शिक्षा की कमी है, लेकिन उम्मीद है कि भारत सरकार शिक्षा को प्राथमिकता देगी। उन्होंने एग्लोमरेशन इफेक्ट का हवाला दिया और लिखा कि कंपनियां श्रमिकों और आपूर्तिकर्ताओं के करीब रहना चाहती हैं, जबकि कर्मचारी नियोक्ताओं के करीब रहना चाहते हैं, जो बाजारों के फलीभूत के लिए एशिया को एक बेहतरीन स्थान बनाता है। APPLE का भारत में दो रिटेल स्टोर खोलना उसी का एक उदाहरण है।