नई दिल्ली। वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन के साथ चल रहे सीमा विवाद के मद्देनजर भारत ने सरहद पर k-9 वज्र तोपें तैनात की हैं। ये तोपें चीन को माकूल जवाब देने में सहायक साबित होंगी। इन तोपों की खास बात यह है कि इसकी मारक क्षमता 38 किलोमीटर तक है। इसमें कई ऐसी खासियतें हैं, जो इसे अन्य तोपों से अलग बनाती है। यह जीरो रेडियस पर घूमकर चारों तरफ वार कर सकती है। यह 155 एमएम और 52 कैलिबर की 50 टन वजनी तक 47 किलो तक गोला फेंका जा सकता है। यह महज 15 सेकेंड के अंदर तीनों गोलों को फेंकने की क्षमता रखता है। इसमें 155 मिमी की तोपें लगी हुई हैं, जिसकी रेंज 18 से 55 किमी है।
इसका ताकतवर इंजन इसे 67 किलोमीटर घंटे की रफ्तार प्रदान करता है। ये तोपें लद्दाख की सीमा पर तैनात किया गया है। बता दें कि लद्दाख सीमा सुरक्षा के दृष्टिकोण से हमेशा से भारतीय सैनिकों के लिए चुनौतिपूर्ण रहा है। इस तोप की इतनी सारी विशेषताओं को पढ़ने के बाद अब आपको एहसास ही हो गया होगा कि आखिर भारत सरकार ने क्यों इसे सरहद पर तैनात करने का फैसला किया है। इतनी सारी खूबियों को अंदर समेटे ये तोप पलक झपकते ही चीन सरीखे दुश्मन देश के नापाक इरादों को जड़ से खत्म करने का माद्दा अपने अंदर रखते हैं। ये तोपें भारतीय सैनिकों को दुश्मन देशों के खिलाफ मोर्चा खोलने में सहायक साबित होंगे।
भारत और चीन का विवाद
सर्वविदित है कि विगत दिनों भारत और चीन के बीच जारी सीमा विवाद हिंसक रूप अख्तियार कर चुका था। लंबे समय तक चला दोनों देशों के बीच ये गतिरोध अब सुलझ चुका है। दोनों ही देशों अपने-अपने सैनिकों को सरहद से वापस बुला चुके हैं, लेकिन चीन के फरेब से तो हर कोई वाकिफ है। वो कब क्या कर जाए, कुछ कहा नहीं जा सकता है, जिसको ध्यान में रखते हुए k-9 तोपें तैनात की गईं हैं।
बताया जा रहा है कि यह तोपें भारतीय सैनिकों की मारक क्षमता में इजाफा करने में कारगर साबित होगा। बता दें कि सेनाध्यक्ष एमएम नरवणे ने भारतीय सैनिकों से मुखातिब होने के क्रम में कहा था कि हमारे सैनिक किसी भी दुश्मन देश को माकूल जवाब देने की क्षमता रखते हैं। अगर पाकिस्तान या चीन सरीखे कोई मुल्क भारत के खिलाफ कोई भी फेरब भरा कदम उठाते हैं, तो उन्हें इसकी कीमत चुकानी पड़ सकती है।