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J&K: कश्मीरी आतंकियों की रीढ़ तोड़ने की तैयारी में मोदी सरकार, गृहमंत्री अमित शाह ने दिए ये आदेश

खुफिया विभाग ने केंद्र सरकार को बताया है कि जेल में भले ही आतंकी नेता यासीन मलिक, बिट्टा कराटे, शब्बीर शाह और मसर्रत आलम बंद हैं, लेकिन इनके लोग देश-विदेश से आतंकी गतिविधियों के लिए फंड जुटा रहे हैं।

जम्मू। जम्मू-कश्मीर के आतंकियों के बुरे दिन आ गए हैं। अब तक अपनी मनमर्जी से हत्याएं करने और पाकिस्तान समेत कई देशों से फंड जुटाने में माहिर आतंकियों की रीढ़ तोड़ने की तैयारी है। एक तरफ दिल्ली की विशेष एनआईए अदालत ने आतंकी यासीन मलिक और बिट्टा कराटे पर आरोप तय कर दिए हैं। वहीं, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सुरक्षा एजेंसियों को कश्मीरी आतंकियों की फंडिंग का तंत्र हर हाल में ध्वस्त करने का आदेश दे दिया है। दो दिन के दौरे पर जम्मू-कश्मीर पहुंचे अमित शाह ने दिल्ली लौटने से पहले एक बैठक में इसके निर्देश दिए। इस पर जल्दी ही कार्रवाई शुरू होने जा रही है।

Amit Shah

बता दें कि आतंकियों की फंडिंग के बारे में सुरक्षा एजेंसियों मसलन एनआईए, आईबी और सीबीआई ने पहले ही लिस्ट तैयार कर रखी है। शाह ने सुरक्षा एजेंसियों से कहा है कि इस लिस्ट के आधार पर सख्त कार्रवाई कर आतंकियों की रीढ़ तोड़ दी जाए। पिछले साल आतंकियों को फंडिंग के लिए आया 3 करोड़ रुपया बरामद किया गया था। खुफिया विभाग ने केंद्र सरकार को बताया है कि जेल में भले ही आतंकी नेता यासीन मलिक, बिट्टा कराटे, शब्बीर शाह और मसर्रत आलम बंद हैं, लेकिन इनके लोग देश-विदेश से आतंकी गतिविधियों के लिए फंड जुटा रहे हैं।

jmb-terrorist

सरकारी एजेंसियों को ये भी पुख्ता जानकारी है कि पंजाब में भी कुछ लोग आतंकियों के लिए फंडिंग का काम कर रहे हैं। पंजाब की जेलों में भी तमाम कश्मीरी आतंकी कैद हैं। शाह ने इन सभी मामलों की समीक्षा के बाद उच्चस्तरीय बैठक में सुरक्षा एजेंसियों को खुली छूट दी है कि वे हर हाल में एक-एक आतंकी की फंडिंग को रोक दें। ऐसे में आने वाले दिनों में एनआईए की छापेमारी और तेज हो सकती है। एनआईए केंद्र सरकार की एजेंसी है। साथ ही जम्मू-कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद वहां की पुलिस और प्रशासन के अफसर भी अब केंद्र सरकार के तहत ही काम करते हैं।