newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

अर्नब की गिरफ्तारी पर अमित शाह का आया रिएक्शन, कांग्रेस और महाराष्ट्र सरकार पर साधा निशाना

Amit Shah on Arnab Goswami Arrest: वहीं, अर्नब के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) की प्रतिक्रिया सामने आई है। इस घटना को लेकर उन्होंने कांग्रेस और महाराष्ट्र सरकार पर हमला बोला है।

नई दिल्ली। रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी (Arnab Goswami ) को 53 साल के एक इंटीरियर डिजाइनर और उनकी मां की आत्महत्या के मामले में मुंबई पुलिस ने बुधवार सुबह उनके घर से गिरफ्तार कर लिया। रिपब्लिक न्यूज चैनल का दावा है कि अर्नब को उस मामले में गिरफ्तार किया गया है, जो पहले ही बंद किया जा चुका है। वहीं, अर्नब के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) की प्रतिक्रिया सामने आई है। इस घटना को लेकर उन्होंने कांग्रेस और महाराष्ट्र सरकार पर हमला बोला है। अमित शाह ने ट्वीट कर कहा, ‘कांग्रेस और उसके सहयोगियों ने एक बार फिर लोकतंत्र को शर्मसार किया है। रिपब्लिक टीवी और अर्नब गोस्वामी के खिलाफ राज्य की सत्ता का दुरुपयोग व्यक्तिगत स्वतंत्रता और लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर हमला है। यह हमें आपातकाल की याद दिलाता है। फ्री प्रेस पर इस हमले का विरोध होगा।’

भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) ने भी इस गिरफ्तारी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘यह सोनिया और राहुल गांधी द्वारा निर्देशित उन लोगों को चुप कराने का एक और उदाहरण है जो उनसे असहमत हैं। शर्मनाक!’

रविशंकर प्रसाद ने अर्नब की गिरफ्तारी पर उठाए सवाल

केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद (Ravi Shankar Prasad)ने भी अर्नब की गिरफ्तारी की कड़ी निंदा की है। उन्होंने लिखा है, ‘वरिष्ठ पत्रकार अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी गंभीर रूप से निंदनीय, अनुचित और चिंताजनक है। हमने 1975 के आपातकाल का विरोध करते हुए प्रेस की स्वतंत्रता के लिए लड़ाई लड़ी थी।’


एडिटर्स गिल्ड ऑफ़ इंडिया ने गिरफ़्तारी की निंदा की

संपादकों के संगठन एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने भी रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वमी की गिरफ्तारी की निंदा की है। एक बयान में कहा गया कि वो बुधवार सुबह अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी के बारे में जानकर हैरान है।


संगठन ने कहा, ‘गिल्ड ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री से ये सुनिश्चित करने के लिए कहा कि गोस्वामी के साथ उचित व्यवहार किया जाए और मीडिया की रिपोर्टिंग के खिलाफ राज्य की पावर का इस्तेमाल ना किया जाए।’