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गतिरोध पैदा करने की विपक्ष की मंशा पर अमित शाह का पलटवार, कहा- मानसून सत्र से पूरे देश को उम्मीदें

Monsoon Session: अमित शाह ने कहा कि, मैं भारत के लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि मोदी सरकार की प्राथमिकता साफ है। हमारी सरकार का उद्देश्य ‘राष्ट्रीय कल्याण’ है और हम इसे हासिल करने के लिए काम करते रहेंगे चाहे कुछ भी हो जाए।

नई दिल्ली। 19 जुलाई को संसद का मानसून सत्र शुरू हुआ। इस सत्र की शुरुआत हंगामें के साथ हुई। बता दें कि लोकसभा में सोमवार को मानसून सत्र के पहले दिन बार-बार व्यवधान देखने को मिला और अंतत: विपक्ष के हंगामे के बीच इसे पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया गया। इस दौरान विपक्ष ने पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों और कथित फोन टैपिंग मामले सहित कई मुद्दों पर सरकार को घेरने की कोशिश की। वहीं सदन में हुए आज गतिरोध पर केंद्रीय गृह मंत्री अमति शाह ने कई मुद्दों को लेकर विपक्ष पर पलटवार किया। उन्होंने कहा कि अवरोध पैदा करने वाले लोग अपनी साजिशों से भारत के विकास पथ को पटरी से नहीं उतार पाएंगे। इस बार मानसून सत्र प्रगति के नए परिणाम देगा। सदन ना चलने देने की मंशा को सत्ता पक्ष साफ तरीके से समझ गया है।  उन्होंने कहा कि, घटनाओं के तथ्य और क्रम पूरे देश को देखने और समझने के लिए सामने हैं। आज संसद का मानसून सत्र शुरू हुआ। इस दौरान अमित शाह ने पेगासस मामले पर भी विपक्ष पर हमला बोला।

Amit Shah NSG

उन्होंने कहा कि, कल देर शाम हम सबने एक रिपोर्ट देखी, जिसे केवल एक ही उद्देश्य से प्रेरित होकर कुछ विशेष वर्ग के लोगों द्वारा फैलाया गया है। इस तरह का कार्य विश्व स्तर पर भारत को अपमानित करने, हमारे राष्ट्र के बारे में वही पुराने अवधारणाओं को आगे बढ़ाने और भारत के विकास पथ को पटरी से उतारने के लिए किया गया।

अमित शाह ने मानसून सत्र को लेकर कहा कि, इस बार मानसून सत्र को लेकर देशवासियों को काफी उम्मीदें हैं। किसानों, युवाओं, महिलाओं और समाज के पिछड़े वर्गों के कल्याण के लिए महत्वपूर्ण विधेयकों पर सरकार बहस और चर्चा के लिए तैयार हैं।

मंत्रि मंडल विस्तार को लेकर अमित शाह ने कहा कि, अभी कुछ दिन पहले ही मंत्रिपरिषद का विस्तार किया गया जिसमें महिलाओं, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के सदस्यों पर विशेष बल दिया गया। लेकिन देश में कुछ ऐसी ताकतें हैं जो इस बात को पचा नहीं पा रही हैं। वे राष्ट्रीय प्रगति को भी बाधित करना चाहते हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि ये लोग आखिर किसके इशारे पर चल रहे हैं, जिनकी मंशा भारत को खराब अवस्था में ले जाना है। आखिर इससे उन्हें क्या खुशी मिलती है कि वे बार-बार भारत को खराब छवि में दिखाते हैं?

कांग्रेस पर वार करते हुए अमित शाह ने कहा कि, बिना पतवार वाली कांग्रेस को देखने के लिए, इस मामले में कूदना कोई नई बात नहीं है। उनके पास लोकतंत्र को कुचलने का अच्छा अनुभव है और उनका अपना घर ठीक नहीं होने के कारण, वे अब संसद में आने वाली किसी भी प्रगतिशील चीज को पटरी से उतारने की कोशिश कर रहे हैं।

modi

उन्होंने कहा कि जब प्रधानमंत्री लोकसभा और राज्यसभा में अपने मंत्रिपरिषद का परिचय कराने के लिए उठे, जो एक अच्छी तरह से पहले से चली आ रही परिपाटी का हिस्सा है, ऐसे में विपक्ष ने दोनों सदनों में गतिरोध पैदा किया। क्या यह संसदीय मानदंडों के लिए उनका सम्मान है? यही व्यवहार तब भी जारी रहा जब आईटी मंत्री इस मुद्दे पर बोल रहे थे।

अमित शाह ने अपनी बात में कहा कि, मैं भारत के लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि मोदी सरकार की प्राथमिकता साफ है। हमारी सरकार का उद्देश्य ‘राष्ट्रीय कल्याण’ है और हम इसे हासिल करने के लिए काम करते रहेंगे चाहे कुछ भी हो जाए।