नई दिल्ली। कृषि कानूनों के खिलाफ किसान दिल्ली में सिंधु बॉर्डर पर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। शनिवार को देश के गृह मंत्री अमित शाह ने एक अपील में किसानों को बातचीत का प्रस्ताव दिया था। लेकिन रविवार को किसानों ने एक बैठक के बाद इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया। दरअसल अमित शाह ने अपनी अपील में कहा था कि, भारत सरकार किसानों से चर्चा के लिए तैयार है। वहीं गृह मंत्री ने कहा था कि, “अलग-अलग जगह नेशनल और स्टेट हाइवे पर किसान भाई अपने ट्रैक्टर-ट्रॉली के साथ इतनी ठंड में खुले में बैठे हैं, इन सब से मैं अपील करता हूं कि दिल्ली पुलिस आपको एक बड़े मैदान में स्थानांतरित करने के लिए तैयार है, जहां आपको सुरक्षा व्यवस्था और सुविधाएं मिलेंगी।” हालांकि इस अपील को किसानों ने मानने से मना कर दिया है। वहीं अन्ना हजारे भी किसानों के समर्थन में खड़े हो गए हैं।
उन्होंने कहा कि वह किसानों की मांगों का समर्थन करते हैं। मौजूदा हालात को लेकर अन्ना हजारे ने कहा कि किसान और सरकार की स्थिति भारत-पाकिस्तान की तरह हो गई है। जिस तरह चुनाव के समय आप (नेता) किसानों के घर-खेतों में वोट मांगने के लिए जाते हो उसी तरह अब उनकी समस्या पर बात करो।
किसानों के प्रदर्शन पर उन्होंने कहा कि, आज किसान अहिंसा के मार्ग को अपनाकर आंदोलन कर रहे हैं। यही किसान जब कल हिंसा करने पर उतर जाएंगे तब उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा। किसान पाकिस्तानी नहीं हैं, सरकार उनसे बात करे। अन्ना हजारे ने कहा कि किसान इतने दिनों से आंदोलन कर रहे हैं,, ये देश का दुर्भाग्य ही है। आंदोलन करने वाले किसान पाकिस्तान के नहीं है। हमारे ही देश के हैं। चुनाव के समय आप (नेता) वोट मांगने उनके खेत और घर तक गए। अब किसानों के मसले को सुलझाइए।
वहीं किसानों पर पानी के फव्वारे से बौछार करने पर अन्ना ने कहा कि, देश के अन्नदाता पर इस तरह की कार्रवाई ठीक नहीं है। आज जो किसानों के साथ हो रहा है, उसे सुलझाना जरूरी है। सरकार को किसानों के साथ बैठक कर मसले को सुलझाना चाहिए।