प्रयागराज। माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की तीन शूटरों ने 15 अप्रैल की रात 10.30 बजे प्रयागराज में हत्या कर दी थी। दोनों की हत्या हॉस्पिटल में घुसते वक्त की गई। तीनों शूटर लवलेश तिवारी, अरुण मौर्य और सनी सिंह ने खुद को पत्रकार के तौर पर प्रोजेक्ट किया था और मीडिया में मिलकर अतीक और अशरफ के करीब पहुंच गए थे। पहले तुर्किए में बनी जिगाना पिस्टल से अतीक के सिर पर गोली मारी गई थी। जिसके बाद वो और अशरफ जमीन पर गिर गए। जिसके बाद लवलेश, अरुण और सनी ने तीन तरफ से घेरकर माफिया और उसके भाई को गोलियों से छलनी कर दिया था। अतीक के जिस्म में 8 और अशरफ के 5 गोलियां लगी थीं। अब तीनों शूटरों के बारे में ताजा खुलासा हुआ है।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक प्रयागराज के जिस होटल में सनी, लवलेश और अरुण ठहरे थे, वहां तीनों ने फर्जी आधार कार्ड दिए थे। पुलिस की जांच में तीनों के आधार कार्ड फर्जी होने का पता चला है। जानकारी के मुताबिक अतीक और अशरफ की हत्या करने वाले शूटरों ने चित्रकूट से फर्जी आधार कार्ड बनवाए थे। इससे साफ है कि अतीक और अशरफ की हत्या के लिए उन्होंने काफी पहले ही साजिश रच ली थी। तीनों को महंगी जिगाना पिस्टल मिलने के बारे में भी पहले पता चला था कि दिल्ली के एक गैंग से इनको ये हथियार मिले। पुलिस अब तीनों को और रिमांड पर लेकर पूछताछ करने की तैयारी कर रही है। शूटरों की पुलिस रिमांड आज शाम 5 बजे खत्म हो रही है।
आतंकी संगठन अल-कायदा की तरफ से अतीक और अशरफ की हत्या का बदला लेने की धमकी दी गई है। इस धमकी के कारण लवलेश तिवारी, सनी सिंह और अरुण मौर्य की सुरक्षा को काफी कड़ा भी किया गया है। पहले पुलिस ने गिरफ्तारी के बाद इनको प्रयागराज की नैनी जेल में रखा था। एक दिन बाद ही सुरक्षा कारणों से तीनों को प्रतापगढ़ की जेल भेज दिया गया था। माना जा रहा है कि पुलिस रिमांड खत्म होने के बाद तीनों को किसी और अति सुरक्षित जेल में भेजा जा सकता है।