नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव मुकम्मल होने के बाद विधानपरिषद चुनाव की तैयारियां शुरू हो चुकी है। सभी दल इस चुनाव की तैयारियों को परवान चढ़ाने में मशगूल हैं। इसी कड़ी में बीते दिनों समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने प्रत्याशियों की सूची जारी की थी जिसमें एक ऐसा नाम दर्ज था, जिसे लेकर सियासी गलियारों में बहस छिड़ गई। वो नाम कोई और नहीं, बल्कि कफील खान था। बता दें कि सपा ने कफील को विधानपरिषद चुनाव के लिए टिकट दिया जिसे लेकर बहस शुरू हो गई। बहस इस बात को लेकर कि आखिर कफील खान जैसे शख्स को कैसे सपा प्रमुख टिकट देने का विचार कर सकती है, क्योंकि कफील खान पर 60 बच्चों की मौत का आरोप है। इसी बीच उनके खिलाफ एक और केस दर्ज हो गया है। बता दें कि एंबुलेंस के ड्राइवर प्रकाश पटेल ने उन पर केस दर्ज करवाया है।
दरअसल, उन्होंने अपनी तहरीर में कहा कि एंबुलेंस में पहुंचने पर महिला की मौत हो गई थी, लेकिन डॉक्टर कफील खान ने उनका उपचार करने का नाटक कर रहे थे। यह जानने के बावजूद भी कि महिला की मौत हो गई। अब ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर जब महिला की मौत हो गई थी तो आखिर वो उपचार किसका कर रहे थे। यह विवचेना का विषय है। वहीं, ड्राइवर ने उक्त मामले के संदर्भ में ट्विटर पर वीडियो भी साझा किया है। फिलहाल यह वीडियो अभी सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हो रहा है। लोग इस पर अलग-अलग तरह से अपना रिएक्शन देते हुए नजर आ रहे हैं।
वहीं, आपको आगे बताते चलें कि इससे पहले विगत 27 मार्च को डॉ कफील खान ने ट्वीट किया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि, ‘देवरिया में क्षेत्रीय भ्रमण कर रहा था कि देखा ट्रक ने एक औरत को टक्कर मार दी है। देवरिया सदर अस्पताल ले गया पर खून अधिक बह चुका था और तुरंत ऑपरेशन की ज़रूरत थी। प्राथमिक उपचार के बाद गोरखपुर रेफ़र करना पड़ा, अभी उनको भेज ही रहा था कि मिश्राजी की मां गम्भीर हालत में आ गई। उन्होंने अपने दूसरे ट्वीट में कहा कि, ‘बहुत दुखी हूं कल जिनको गोरखपुर रेफ़र किया था उनका इंतकाल हो गया, मिश्राजी की मां जिस 108 एम्बुलेंस से लायी गयी थी उसका ऑक्सिजन सिलेंडर ख़ाली था, सदर हॉस्पिटल देवरिया में ना अंबु बैग था,ना लेरिंगोस्कोप था,ना ईटी ट्यूब ,ना जीवन रक्षक औषधि। मिश्राजी की मां का भी देहांत हो गया।’ बता दें कि बीआरडी के अस्पतालों में कफील खान पर 60 बच्चों की मौत का आरोप कफील खान पर लगा था। वहीं, जब किसी ऐसे चेहरे को अखिलेश यादव ने टिकट थमाया, तो कई तरह के सवाल उठे, लेकिन अखिलेश के रुख को देखकर लगता नहीं है कि वो उन सवालों का जवाब देने की स्थिति में हैं।