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Farmers Protest: मोदी सरकार का एक और फैसला, इससे अंतरराष्ट्रीय मार्केट में भी किसानों के उत्पादों को मिलेगी पहचान

Farmers Protest: प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट मीटिंग में इस योजना पर मुहर लगी। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि फूड सिक्योरिटी में प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव(पीएलआई) का उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारतीय खाद्य उत्पादों के ब्रांडों को बढ़ावा देना है। खाद्य प्रसंस्करण में प्रोत्साहन योजना का उद्देश्य फूड प्रोसेसिंग से जुड़ीं इकाइयों को प्रसंस्करण क्षमता में बढ़ोतरी के लिए निवेश की राह आसान करना है।

नई दिल्ली। मोदी सरकार ने खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के लिए भी उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना(पीएलआईएसएफपीआई) को मंजूरी दी है। इसके लिए 10,900 करोड़ रुपये की सरकार ने व्यवस्था की है। प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट मीटिंग में इस योजना पर मुहर लगी। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि फूड सिक्योरिटी में प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव(पीएलआई) का उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारतीय खाद्य उत्पादों के ब्रांडों को बढ़ावा देना है। खाद्य प्रसंस्करण में प्रोत्साहन योजना का उद्देश्य फूड प्रोसेसिंग से जुड़ीं इकाइयों को प्रसंस्करण क्षमता में बढ़ोतरी के लिए निवेश की राह आसान करना है। इससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय उत्पादों के लिए एक बेहतर बाजार बनेगा और उनकी ब्रांडिंग शामिल है। वैश्विक स्तर पर खाद्य क्षेत्र से जुड़ी भारतीय इकाइयों को अग्रणी बनाने का भी मकसद है। फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री के मजबूत होने से रोजगार के अवसरों में वृद्धि होगी और कृषि उत्पादों के लिए किसानों को आमदनी भी मिलेगी।

PM Modi Cabinet Meeting pic

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि रेडी टू कुक, रेडी टू ईट भोजन, प्रसंस्कृत फल एवं सब्जियां, समुद्री उत्पाद और मोजरेला चीज, अंडे, पोल्ट्री मांस इस योजना के प्रमुख घटक हैं।

Modi Cabinet

योजना के तहत चुने गए उद्यमियों को पहले दो वर्षों 2021-21 और 2022-23 में मशीनरी में निवेश करना होगा। निर्धारित निवेश पूरा करने के लिए 2020-21 में किए गए निवेश की भी गणना की जाएगी। दूसरा घटक ब्रांडिंग तथा विदेशों में मार्केटिंग से संबंधित है, ताकि मजबूत भारतीय ब्रांडों को उभरने के लिए प्रोत्साहन दिया जा सके। भारतीय ब्रांड को विदेश में प्रोत्साहित करने के लिए योजना में आवेदक कंपनियों को अनुदान की व्यवस्था है। यह व्यवस्था स्टोर ब्रांडिंग, शेल्फ स्पेस रेंटिंग तथा मार्केटिंग के लिए है।

Modi Cabinet

 

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि योजना 2021-22 से 2026-27 तक छह वर्षों की अवधि के लिए लागू की जाएगी। योजना के लागू होने से प्रसंस्करण क्षमता बढ़ाने में भी मदद मिलेगी, ताकि 33,494 करोड़ रुपए का प्रसंस्कृत खाद्य तैयार हो सके। इसके चलते वर्ष 2026-27 तक लगभग 2.5 लाख व्यक्तियों के लिए रोजगार सृजन होगा।