नई दिल्ली। दिल्ली आबकारी नीति में कथित फर्जीवाड़े से जुड़े मामले में केंद्रीय जांच एजेंसी ED एक्शन में है। मामले का सच सामने लाने के लिए एक बार एक प्रवर्तन निदेशालय कदम उठा रही है। अब इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने एक और कार्रवाई की है। दिल्ली शराब नीति मामले में ED ने कार्यवाही करते हुए दो फार्मा कंपनियों के प्रमुख शरद रेड्डी और विनॉय बाबू पर शिकंजा कसा है। अब इन गिरफ्तार हुए दोनों आरोपियों से ईडी पूछताछ करेगी।
बता दें, दिल्ली आबकारी नीति में कथित घोटाले की मनी लॉन्ड्रिंग के तहत इनकी गिरफ्तारी हुई है। ये दो बड़े कारोबारी शरद रेड्डी और विनॉय बाबू आंध्रप्रदेश-तेलंगाना मूल के रहने वाले हैं। कहा जा रहा है कि आरोपी कारोबारी शरद रेड्डी का करोड़ों रूपये का शराब कारोबार है। शरद रेड्डी को अरविंदो फार्मा नाम की कंपनी का प्रमुख बताया जा रहा है तो वहीं, दूसरे गिरफ्तार विनॉय बाबू Pernod Ricord नाम की फार्मा कंपनी के प्रमुख बताए जा रहे हैं।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि दिल्ली एलजी विनय कुमार सक्सेना द्वारा आबकारी नीति 2021-22 के कार्यान्वयन में अनियमितताओं की बात उठाए जाने के बाद उन्होंने सीबीआई जांच की सिफारिश की थी। इसके ही आबकारी योजना सवालों घेरे में आ गई थी। इस मामले में एलजी ने एक्शन में 11 आबकारी अधिकारियों को भी सस्पेंड कर दिया था। आबकारी योजना के विवादों में आने के बाद दिल्ली सरकार ने भी इसपर अपने हाथ पीछे खिंचते हुए आबकारी नीति को रद्द कर दिया था।
बीते अगस्त महीने में सीबीआई ने इसका (आबकारी नीति घोटाले) एक मामला दर्ज किया था। इस केस में आरोपी बनाये गए आठ लोगों के खिलाफ LOC यानी ‘लुक आउट सर्कुलर’ जारी किया गया था। इन आरोपियों में दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, तत्कालीन आबकारी आयुक्त अरवा गोपी कृष्ण, उपायुक्त आनंद तिवारी और सहायक आयुक्त पंकज भटनागर का नाम शामिल था। सीबीआई की प्राथमिकी के आधार पर ही धनशोधन का मामला दर्ज हुआ जिसमें दिल्ली सरकार में मंत्री सिसोदिया भी आरोपी है। इसी के आधार पर उपमुख्यमंत्री और दिल्ली सरकार के कुछ नौकरशाहों के परिसरों पर छापेमारी भी बीते कुछ समय में देखने को मिली थी।