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Rajasthan: राजस्थान में ये क्या हो रहा है? लड़की को घर से खींच कर ले कर बदमाश और किया दुष्कर्म, राहुल-प्रियंका ने साधी चुप्पी

ताजा मामला बारां का है। यहां एक लड़की को उसके घर से बदमाश उठाकर ले गए और रेप किया। खास बात ये कि जिले के एसपी कल्याणमल मीणा तक को एक हफ्ता पुरानी इस घटना की जानकारी नहीं थी। गृह राज्य मंत्री राजेंद्र यादव के हस्तक्षेप के बाद रेप का केस भी दर्ज हो सका।

जयपुर। राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार के राज के दौरान महिलाओं से अपराध की घटनाएं रुक नहीं रही हैं। पिछले दिनों अलवर में दिव्यांग बच्ची को हैवानों ने शिकार बनाया। इससे पहले भी तमाम ऐसी घटनाएं पिछले साल हुईं। अब ताजा मामला बारां का है। यहां एक लड़की को उसके घर से बदमाश उठाकर ले गए और रेप किया। खास बात ये कि जिले के एसपी कल्याणमल मीणा तक को एक हफ्ता पुरानी इस घटना की जानकारी नहीं थी। गृह राज्य मंत्री राजेंद्र यादव के हस्तक्षेप के बाद रेप का केस भी दर्ज हो सका। बता दें कि इसी बारां में एक तांत्रिक ने भी 18 साल की युवती से रेप किया था।

बारां सदर थाने की पुलिस के मुताबिक पीड़ित ने बताया कि उसके माता-पिता काम से शहर के बाहर गए थे। रात को वो अपनी बहन के साथ सो रही थी। आमापुरा के रहने वाले बलराम सहरिया और योगेश आए और उसे अगवा कर लिया। दोनों बदमाश उसे बाइक पर बिठाकर काफी दूर खेतों में ले गए। जहां बलराम ने रेप किया। इस घिनौने काम में योगेश ने उसकी मदद की। पुलिस ने अब पीड़ित का मेडिकल कराया है और मंत्री के कहने के बाद रेप का केस दर्ज किया गया है। इसी से पता चलता है कि अशोक गहलोत की सरकार के राज में पुलिस भी किस तरह महिलाओं के खिलाफ अपराधों को दबाने छिपाने में लगी है।

बता दें कि राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से महिलाओं के खिलाफ अपराधों में बढ़ोतरी देखी गई है। दलितों को भी पीटने की घटनाएं यहां आम हैं। बीते दिनों बारात से लौट रहे तीन चार दलितों को जमकर पीटा गया। कांग्रेस का नेतृत्व ये कहता रहता है कि वो महिलाओं के सम्मान को सबसे ऊपर रखती है। पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी यूपी चुनाव के दौरान लड़की हूं, लड़ सकती हूं का नारा देती हैं, लेकिन राजस्थान में आए दिन जो हो रहा है, उस पर लगाम कसने के लिए अशोक गहलोत की सरकार का पेच कांग्रेस के ये नेता और आलाकमान कभी कोशिश नहीं करते दिखते। ये आरोप बीजेपी लगाती है क्योंकि तमाम ऐसी घटनाओं पर न तो कांग्रेस का कोई बड़ा नेता कुछ बोलता है और न ही राज्य सरकार और उसकी पुलिस कोई कदम उठाती दिखती है।