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शरद पवार ने दी सचिन तेंदुलकर को नसीहत- अपने क्षेत्र से हटकर दूसरे विषयों पर बोलने में सावधानी बरतें

Farmer Protest: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के अध्यक्ष शरद पवार(Sharad Pawar) ने सचिन को अपने क्षेत्र को छोड़कर किसी अलग विषय पर बोलने में सावधानी बरतने की सलाह दी है.

नई दिल्ली। किसान कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों द्वारा चल रहे आदोंलन को विदेशी हस्तियों ने समर्थन किया तो भारत में अपने-अपने क्षेत्र में दिग्गजों ने इसका विरोध किया। इसमें क्रिकेट का भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर ने भी कुछ दिन पहले ट्वीट कर कहा था कि बाहरी ताकतों को किसान आंदोलन में दखल अंदाजी नहीं करनी चाहिए। उन्होंने इसे भारत का आंतरिक मामला बताया था। सचिन का कहना था कि, भारतीय ही भारतीयों के बारे में सोचने में सक्षम हैं। बता दें कि अब सचिन तेंदुलकर के इस ट्वीट पर सियासी घमासान छिड़ गया है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अध्यक्ष शरद पवार ने सचिन तेंदुलकर को नसीहत दी है कि वो अपने क्षेत्र को छोड़कर किसी अलग विषय पर बोलने में सावधानी बरतें। शनिवार को पुणे में पत्रकारों से बात करते हुए शरद पवार ने सचिन तेंदुलकर और लता मंगेश्कर के किसान आंदोलन को लेकर दिए बयान पर अपनी प्रतिक्रिया दी।

sharad pawar

शरद पवार ने नाम लिए बगैर कहा कि इसे लेकर (आंदोलन) जो राय इन्होंने रखी है, उससे जनता में नाराजगी है। उन्होंने कहा कि सत्ताधारी दल के नेता किसान आंदोलन को बदनाम करने के लिए कभी आंदोलनकारियों को खालिस्तानी कहते हैं तो कभी कुछ और कहकर बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं।

sachin lata

एनसीपी सुप्रीमो पवार ने कहा कि ये आंदोलन जी तोड़ मेहनत करके इस देश को अनाज देकर आत्मनिर्भर करने वाले किसानों का  है। किसानों को बदनाम करना अच्छी बात नहीं। इस बीच शरद पवार का एक पत्र भी वायरल हो रहा है जिसमें उन्होंने कृषि को लेकर कानून में सुधार लाया जाना जरूरी बताया है। बता दें कि ये पत्र उस दौर का है जब पवार कृषि मंत्री थए।

sharad pawar

इसे लेकर पवार ने सफाई देते हुए उन्होंने कहा कि हां, मैंने पत्र लिखा था। उस पत्र में ये दो-तीन बातें भी साफ तौर पर लिखी हुई हैं कि, इसके लिए सभी राज्यों के कृषि मंत्रियों के साथ मीटिंग की थी और कुछ कृषि मंत्रियों की कमेटी भी बनाई थी। महाराष्ट्र के हर्षवर्धन पाटिल को कमेटी का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था।