नई दिल्ली। बीते हफ्तेभर से अर्पिता मुखर्जी का नाम सुर्खियों में बना हुआ है। अर्पिता वहीं हैं जिसके घर से ईडी ने छापेमारी कर 21 करोड़ का कैश बरामद किया था। अर्पिता ममता सरकार में उद्योग और वाणिज्य मंत्री पार्थ चटर्जी के काफी करीब हैं। अब अर्पिता की मुश्किलें और ज्यादा बढ़ सकती हैं क्योंकि ईडी ने अर्पिता से जुड़ी तीन कंपनियों की जांच शुरू कर दी हैं। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो ईडी को शक है तीन कंपनियों की छापेमारी से कई बड़े राज से पर्दा उठ सकता है। ये वहीं कंपनियां है जिसमें पार्थ ने अर्पिता को निदेशक बनाया था। माना ये भी जा रहा है कि पार्थ के अलावा इन फर्मों से कल्याण धर भी जुड़े हैं।
ईडी कर रही तीन कंपनियों की जांच
बता दें कि अर्पिता और पार्थ दोनों ही इस वक्त ईडी की गिरफ्त में हैं और दोनों से ही लगातार पूछताछ हो रही हैं। ईडी का मानना है कि अर्पिता के घर से मिला कैश पार्थ चटर्जी का है जबकि पार्थ इस बात से साफ इनकार कर रहे हैं। उनका कहना है कि उनके खिलाफ साजिश करके उनको फंसाया जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो अर्पिता से जुड़ी तीन कंपनियों की जांच की जा रही हैं। इन कंपनियों में सिम्बायोसिस मर्चेंट्स प्राइवेट लिमिटेड भी शामिल हैं। साल 21 मार्च 2011 को अर्पिता को इस कंपनी का निदेशक बनाया गया था। इसके अलावा दो और कंपनियां हैं जिनकी जांच ईडी कर रही हैं।
कल्याण धर का नाम भी जांच के दायरे में
खास बात ये भी है कि अर्पिता के अलावा कल्याण धर को भी 2021 में ही कंपनी का निदेशक बनाया गया था। इसके अलावा अर्पिता को एचए एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी का भी निदेशक बनाया गया था। इस कंपनी में भी कल्याण धर का अहम रोल था। साल 2014 में धर को कंपनी का दूसरा निदेशक बनाया गया था। बाकी सिरे से ईडी तीनों कंपनियों की जांच कर ही हैं और अर्पिता और कल्याण धर की भूमिका की भी जांच कर रही है।