नई दिल्ली। अरुणाचल प्रदेश के सांसद तापिर गाओ ने सनसनीखेज जानकारी दी है। गाओ ने अपने ट्विटर हैंडल के जरिए बताया है कि चीन की सेना ने 18 जनवरी को भारतीय इलाके में घुसकर 17 साल के एक युवक को अगवा कर लिया। तापिर गाओ के मुताबिक अगवा किए गए युवक का नाम मिराम तारोन है। उसे चीन की सेना ने लुंगता जोर इलाके में अगवा कर लिया और साथ ले गई। बता दें कि ये इलाका ऊपरी सियांग जिले में है। यहां भारतीय इलाके में चीन ने साल 2018 में सड़क तक बना ली थी। तापिर के मुताबिक अगवा किए गए युवक का दोस्त किसी तरह चीन की सेना से बचकर निकला और उसने जिले के अफसरों को इसकी जानकारी दी। सांसद ने भारत सरकार से अपील की है कि अरुणाचल से अगवा मिराम तारोन को बचाने के लिए वो हर संभव कोशिश करे।
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Chinese #PLA has abducted Sh Miram Taron, 17 years of Zido vill. yesterday 18th Jan 2022 from inside Indian territory, Lungta Jor area (China built 3-4 kms road inside India in 2018) under Siyungla area (Bishing village) of Upper Siang dist, Arunachal Pradesh. pic.twitter.com/ecKzGfgjB7— Tapir Gao (@TapirGao) January 19, 2022
इस मसले पर कांग्रेस को फिर पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधने का मौका मिल गया है। कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने मोदी पर निशाना साधने वाला ट्वीट किया। उन्होंने लिखा कि हमारी सरकार ने इस मसले पर चुप्पी क्यों साध रखी है।
माननीय मोदी जी,
• चीनी सेना का ये दुस्साहस कैसे कि हमारी सरज़मीं पर फिर घुसपैठ की?
• चीन की ये हिम्मत कैसे कि वो भारतीय नागरिक को अगवा कर ले गए?
• हमारी सरकार चुप्पी क्यों साधे है?
• आप अपने MP की अपील क्यों नहीं सुन रहे?अब ये मत कहिएगा-“न कोई आया, न किसी को उठाया”#China https://t.co/mJntyq86jv
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) January 19, 2022
दरअसल, चीन पूरे अरुणाचल को अपना इलाका कहता है। वो दावा करता है कि अरुणाचल प्रदेश उसके दक्षिणी तिब्बत का हिस्सा है। वहीं भारत का कहना है कि अरुणाचल प्रदेश हमेशा भारत में रहा है और चीन का दावा गलत है। बीते दिनों चीन ने अरुणाचल प्रदेश के 17 जगह के नाम चीनी भाषा मैंडारिन में रखे थे। इन इलाकों का नाम उसने बदल दिया था। इस पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि जगह के नाम बदलने से हकीकत नहीं बदल जाती। उन्होंने कहा था कि अरुणाचल हमेशा भारत का हिस्सा रहा है और रहेगा।
चीन और भारत के बीच सीमा निर्धारण को लेकर तनाव है। पिछले 2 साल से ज्यादा वक्त से चीन और भारत की सेनाएं लद्दाख समेत पूरे एलएसी पर तमाम जगह आमने-सामने हैं। चीन लगातार अरुणाचल प्रदेश जाने वाले भारतीय नेताओं का विरोध करता है। यहां तक कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अरुणाचल प्रदेश जाने का उसने विरोध किया था। चीन यहां के नागरिकों को पासपोर्ट पर स्टेपल वीजा देता है। इस बारे में उसने बार बार कहा है कि अरुणाचल के लोगों को स्टेपल वीजा इसलिए दिया जाता है, क्योंकि वे चीन के नागरिक हैं। साल 1962 में चीन ने अरुणाचल प्रदेश पर भी कब्जा कर लिया था। बाद में उसके सैनिक यहां से हट गए थे।