नई दिल्ली। अरविंद केजरीवाल सरकार में कैबिनेट मंत्री इमरान हुसैन की ये तस्वीर बेहद चौंकाने वाली है। इमरान हुसैन के हाथ में PFI का सबसे भड़काऊ दस्तावेज है। इस दस्तावेज में मुसलमानों के लिए 100 साल का संदेश है। यह संदेश इस कदर भड़काऊ है कि इससे देश में आग लग सकती है।
इमरान हुसैन को खुद पीएफआई की नेशनल एग्जीक्यूटिव के मेंबर अब्दुल रहमान और पीएफआई के नॉर्थ जोन के सेक्रेटरी अनीस अंसारी यह दस्तावेज दे रहे हैं। इस दस्तावेज को पीएफआई और उसकी सहयोगी संस्था रिहैब फाउंडेशन ने मिलकर तैयार किया है। यह दोनों ही संस्थाएं आतंकी फंडिंग के मामले में ईडी और एनआईए की जांच के दायरे में हैं।
दिल्ली चुनाव में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) की बड़ी साजिश का खुलासा हुआ है। Tv9 भारतवर्ष को दिल्ली के विधानसभा चुनाव में PFI की बहुत बड़ी साजिश की जानकारी मिली है। कौन भूल सकता है उन तस्वीरों को जब CAA कानून के विरोध में सड़क पर हजारों की भीड़ खून खराबा करने की नीयत से उतर आई थी। ये सब संयोग नहीं था बल्कि यह PFI की एक बड़ी साजिश थी।
दिल्ली के मंत्री के हाथ में ‘ज़हरीली किताब’ क्यों ?@sumairakh के साथ सिर्फ @TV9Bharatvarsh पर @upadhyayabhii #भूचाल_लाने_वाला_खुलासा‘ #PFI pic.twitter.com/KHMpDvWeOO
— TV9 भारतवर्ष (@TV9Bharatvarsh) February 4, 2020
इस मुस्लिम डॉक्यूमेंट में जो लिखा है उसे पढ़कर आपके होश फाख्ता हो जाएंगे…
250 पेज के इस “मुस्लिम डॉक्यूमेंट” को क हिंदुस्तान में मुसलमानों का भीषण शोषण हो रहा है
इसमें लिखा है कि नरसंहार का सामना कर रहे हैं भारत के मुसलमान
नस्लीय सफाए का सामना कर रहे हैं भारत के मुसलमान
दिल्ली और मुंबई जैसे महानगरों में हर तबके का मुसलमान उन बस्तियों में रहने को मजबूर हैं जिनमें बेसिक सुविधाएं तक नही
मुसलमानों के आने के पहले भारत छोटे छोटे राज्यों में बंटा था जो आपस में लड़ रहे थे।
मुसलमानों के आने से पहले “एक भारत” की कोई अवधारणा ही नही थी। मुस्लिम शासकों खासकर मुगलों ने ही देश को एक किया।
इतिहास में मुसलमानों के राज में सांप्रदायिक तनाव की एक भी घटना नही
उच्च जाति के हिंदू नेताओं के भीतर मुसलमान विरोधी भावनाएं थीं जिसके चलते देश का बंटवारा हुआ।
आजादी के बाद से ही उच्च जाति के हिंदुओं के प्रभाव वाली भारत सरकार ने मुसलमानों के साथ भेदभाव किया
आजादी के बाद से ही राज्यों व इलाकों का इस तरह से गठन किया गया जिससे अल्पसंख्यकों के प्रभाव वाले इलाकों को तोड़कर अलग अलग राज्यों में शामिल कर लिया जाए जिससे उनका प्रभाव कम हो जाए और उनके लिए कोई भी चुनाव जीतना मुश्किल हो जाए।
भारत में मुसलमान अपनी जिंदगी, सम्मान और संपत्ति तीनो के लिए भयभीत हैं।
भारतीय फिल्मों में अधिकतर बुरे कैरेक्टर मुस्लिम समाज के ही होते हैं।
फिल्मों में दिखाया जाता है कि मुसलमान लड़कियां हिंदू लड़कों के साथ भाग जाती हैं, जबकि हिंदू लड़कियों को मुसलमान लड़कों के साथ भागते नही दिखाया जाता।
मुसलमानों को बगैर किसी मसीहा का इंतजार किए हुए अपने मामलों को अपने हाथों में ले लेना चाहिए और एक सुसंगठित आंदोलन के तौर पर आगे बढ़ना चाहिए।
अल्पसंख्यक समूहों से भेदभाव करती है भारत की न्यायपालिका, उनके साथ भारत की न्यायपालिका का दोहरा रवैया
हिंदू मध्यवर्ग के मुताबिक मुसलमान मिनी पाकिस्तान में रहते हैं
मुसलमानों के साथ देश के संसाधनों और कल्याणकारी योजनाओं के बारे में जमकर अन्याय
दरअसल दिल्ली चुनाव में PFI और रिहैब इंडिया फाउंडेशन का एक भड़काऊ बुकलेट सामने है। “India 2047” नाम के इस “मुस्लिम डॉक्यूमेंट” में मुसलमानों के लिए 100 साल का एजेंडा तैयार किया गया है। PFI के इस मुस्लिम डॉक्यूमेंट में हिंदुस्तान के गलत इतिहास की तस्वीर है।
AAP के मंत्री के हाथ में क्यों है India 2047?
वैसे तो इस बुकलेट में एक-एक चीज गौर करने वाली है लेकिन उससे भी ज्यादा हैरान करने वाली बात यह है कि यही बुकलेट दिल्ली सरकार के मंत्री इमरान हुसैन के हाथ में देखी गई है। इसके साथ ही इमरान हुसैन के साथ एक और शख्स इस किताब को हाथ में लिए खड़ा था। जिसका नाम है ईएम अब्दुल रहमान और वो PFI के नेशनल एक्जीक्यूटिव काउंसिल का सदस्य भी है। वही PFI जिस पर CAA के विरोध की आड़ में हिंसा फैलाने की साजिश रचने के कई आरोप हैं।