नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव होना है। हालांकि इसके लिए अभी अधिसूचना जारी नहीं की गई है। लेकिन पूरे प्रदेश में सियासी गर्माहट जारी है। भाजपा और टीएमसी इस पूरे मामले में अपनी पूरी ताकत झोंक चुकी हैं। वहीं AIMIM की तरफ से भी पश्चिम बंगाल में अपनी सियासी जमीन तलाश करने के उद्देश्य से पार्टी के उम्मीदवारों को भी उतारने की पूरी तैयारी कर ली गई है। दूसरी तरफ कांग्रेस और वामपंथी दल भी राज्य में गठबंधन बनाकर चुनाव लड़ने की कोशिश में लगी हैं और उनके बीच बातचीत जारी है।
इधर असदुद्दीन ओवैसी के लिए पश्चिम बंगाल में परेशानी ज्यादा बढ़ गई है। पार्टी की नाव से उतरकर लोग प्रदेश में ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी का दामन थाम रहे हैं। मतलब एआईएमआईएम को पार्टी के लोग ही प्रदेश में झटका देने लगे हैं। आपको बता दें कि AIMIM के पश्चिम बंगाल के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष एसके अब्दुल कलाम ने अपने समर्थकों के साथ चुनाव से पहले ही पार्टी का दामन छोड़कर टीएमसी का हाथ थाम लिया है।
Kolkata: West Bengal’s acting AIMIM Chief SK Abdul Kalam joins Trinamool Congress (TMC) along with several other members of AIMIM, ahead of Assembly Elections in the state. pic.twitter.com/yWrlNtvN64
— ANI (@ANI) January 9, 2021
औवेसी को इस विधानसभा चुनाव में अपनी पार्टी के लिए जमीन तैयार करने का अच्छा मौका था। लेकिन एसके अब्दुल कलाम का साथ छूटना औवेसी के लिए प्रदेश में बड़ा झटका माना जा रहा है। बिहार में विधानसभा चुनाव में 5 सीटें जीतने के बाद औवेसी यूपी, मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल में अपनी पार्टी को चुनाव मैदान में उतारने की घोषणा कर चुके हैं। लेकिन अब प्रदेश में पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष का एस तरह पाला बदल लेने से औवेसी को बड़ा झटका लगा है।
दरअसल बिहार विधानसभा चुनाव में पांच सीटें हासिल करने के बाद ओवैसी की पार्टी बेहद उत्साहित थी। इसी उत्साह से लबरेज होकर पार्टी प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने पश्चिम बंगाल में जमीनी पकड़ मजबूत बनाने की कोशिश शुरू कर दी थी। ओवैसी ने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान भी कर दिया था।
लेकिन अब अचानक कार्यकारी अध्यक्ष द्वारा पाला बदलने से पार्टी को बड़ा झटका लगा है। आपको बता दें कि औवेसी को राज्य में यह दूसरा झटका लगा है क्योंकि इससे पहले पिछले वर्ष नवंबर में एआईएमआईएम नेता अनवर पाशा ने अपने सहयोगियों के साथ तृणमूल कांग्रेस का दामन थाम लिया था।