जयपुर। कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव में राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत भी परचा भर सकते हैं। चर्चा है कि 26 सितंबर को वो नामांकन दाखिल करेंगे। कांग्रेस के सांसद शशि थरूर पहले ही चुनाव लड़ने का एलान कर चुके हैं। हालांकि, गहलोत नहीं चाहते कि राजस्थान उनके हाथ से जाए। सूत्रों के मुताबिक मंगलवार रात कांग्रेस विधायक दल की बैठक में उन्होंने इसके संकेत भी दिए। सूत्रों का कहना है कि विधायकों की बैठक में गहलोत ने कहा कि वो राहुल गांधी से एक बार फिर मिलेंगे और उन्हें कांग्रेस अध्यक्ष बनने के लिए मनाएंगे। अगर राहुल नहीं माने और आलाकमान का निर्देश हुआ, तो विधायकों का साथ लेंगे। गहलोत के राजस्थान न छोड़ने के इस पेच से गांधी खानदान के सामने नई मुश्किल खड़ी हो सकती है। बता दें कि राजस्थान कांग्रेस कमेटी पहले ही सर्वसम्मति से राहुल गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष बनाए जाने का प्रस्ताव पास कर चुकी है।
सूत्रों के अनुसार अशोक गहलोत ने ये भी कहा कि वो कुछ भी बन जाएं, लेकिन राजस्थान नहीं छोड़ेंगे। दरअसल, कांग्रेस में एक व्यक्ति और एक पद का सिद्धांत है। ऐसे में ये सवाल उठ रहा है कि गहलोत अगर कांग्रेस अध्यक्ष बनते हैं, तो राजस्थान का सीएम किसे बनाया जाएगा? इस पद के लिए पूर्व डिप्टी सीएम और एक समय अशोक गहलोत से सियासी जंग लड़ चुके सचिन पायलट का नाम सबसे आगे है, लेकिन गहलोत और पायलट के बीच अब भी तनातनी चलती रहती है। ऐसे में गहलोत का राजस्थान न छोड़ने का बयान साफ कर रहा है कि वो सचिन पायलट को सत्ता देने से हिचकिचा रहे हैं।
सचिन पायलट राजस्थान में अभी नहीं हैं। वो केरल के कोच्चि गए हैं। वहां वो भारत जोड़ो यात्रा कर रहे राहुल गांधी से मुलाकात करेंगे। वहीं, अशोक गहलोत के आज दिल्ली में कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की संभावना है। सोमवार को उनके मुकाबले कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव में उतरने जा रहे शशि थरूर ने भी सोनिया से मुलाकात की थी। तब सोनिया ने उनको भरोसा दिया था कि अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए सबकुछ लोकतांत्रिक तरीके से होगा। कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए 24 से 30 नवंबर तक नामांकन होंगे और जरूरी होने पर 17 अक्टूबर को वोटिंग कराई जाएगी। अब तक 7 प्रदेशों की कांग्रेस कमेटियां राहुल गांधी को ही दोबारा अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव पास कर सोनिया को भेज चुकी हैं।