Rajasthan: ‘मैं चला जाता तो…’, पहली बार अशोक गहलोत ने बताई बागी विधायकों की नाराजगी की वजह, पायलट पर भी साधा निशाना

Rajasthan: इस महीने 8 तारीख तक नामांकन पत्र वापस लिया जा सकेगा। इस पद के लिए अगर एक से अधिक उम्मीदवार होने के दौरान 17 अक्टूबर को मतदान होगा जिसके नतीजे 19 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे।

रितिका आर्या Written by: October 2, 2022 12:41 pm
ashok gehlot

नई दिल्ली। देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस में बीते काफी समय से नए अध्यक्ष की मांग जोर पकड़ रही थी। पार्टी में इसे लेकर हो रही बगावत और वरिष्ठ नेताओं की नाराजगी के आगे आखिरकार आलाकमान को झुकना पड़ा और कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए कार्यक्रम घोषित किया गया। अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने की प्रक्रिया 24 सितंबर से शुरू हुई थी जो कि सितंबर के आखिरी दिन यानी 30 तारीख तक जारी रहे। इस महीने 8 तारीख तक नामांकन पत्र वापस लिया जा सकेगा। इस पद के लिए अगर एक से अधिक उम्मीदवार होने के दौरान 17 अक्टूबर को मतदान होगा जिसके नतीजे 19 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे।

sonia and ashok gehlot

आलाकमान भले ही अध्यक्ष पद कराकर पार्टी में जारी अंदरूनी कलह को खत्म करने की कोशिश कर रहा है लेकिन नजारा इससे उलट ही दिखाई दिया। पार्टी अध्यक्ष पद के लिए जब राजस्थान के मुख्यमंत्री का नाम सामने आया तो ऐसा माना जा रहा था कि अशोक गहलोत ही पार्टी अध्यक्ष की कमान संभालेंगे लेकिन इस बीच राजस्थान में बड़ा बवाल खड़ा हो गया। अशोक गहलोत के पार्टी अध्यक्ष बनने की संभावना सामने आते ही राज्य (राजस्थान) में सचिन पायलट को सीएम बनाने की मांग सामने आने लगी। पायलट गुट की इस मांग को देखते ही गहलोत गुट भी सामने आ गया और ये बात कह दी कि अगर सचिन पायलट राज्य के मुख्यमंत्री बनते हैं तो वो संपूर्ण इस्तीफा दे देंगे।

sonia and rahul gandhi

बवाल बड़ा तो अध्यक्ष पद की रेस में सबसे आगे रहे राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का नाम इस लिस्ट से ऐसे गायब हुआ जैसे गधे से सिर से सींग गायब होते है। खुद सीएम गहलोत ने सामने आकर ये ऐलान किया कि वो पार्टी अध्यक्ष पद के चुनाव का हिस्सा नहीं बनेंगे। अब आज रविवार को अशोक गहलोत ने पहली बार बागी विधायकों के नाराज होने की वजह खुलकर सामने रखी है। एक समारोह में महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देने के बाद जब अशोक गहलोत से ये सवाल किया जाता है कि ‘सब ठीक है न’। तो इसपर गहलोत जवाब देते हुए कहते हैं कि ‘कांग्रेस के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ कि एक लाइन का प्रस्ताव पारित नहीं हो पाया। इसका मुझे भी दुख है कि प्रस्ताव पारित नहीं करवा पाया। इसलिए मैंने माफी भी मांगी, लेकिन ये स्थिति क्यों आई?’

pilot and gehlot

सचिन पायलट गुट पर साधा निशाना

पायलट गुट पर निशाना साधते हुए अशोक गहलोत ने कहा, ‘जब मैंने प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद डोटासरा को विधायकों को समझाने के लिए भेजा था तो वे (बागी MLAs) इस बात से बहुत नाराज थे कि मैंने उनसे 2020 में वादा किया था कि मैं आपका अभिभावक बनूंगा. विधायक इस बात से नाराज थे कि राजस्थान में अकेले रहने से उनका क्या होगा? विधायक दल का नेता होने के नाते जो हुआ, उसकी मैं जिम्मेदारी लेता हूं।’ यहां आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अशोक गहलोत ने साल 2020 का जिक्र इसलिए किया है क्योंकि उसी साल मुख्यमंत्री गहलोत से नाराज होकर तत्कालीन उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने 18 विधायकों के साथ बगावत कर दी थी। इस बगावत के बाद वो अपने समर्थकों के साथ हरियाणा के मानेसर चले गए थे। हालांकि उस वक्त पार्टी आलाकमान की दखलअंदाजी के बाद मामला संभल सका और पायलट की पार्टी में वापसी हुई।