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Gyanvapi ASI Survey: ज्ञानवापी मस्जिद का एएसआई सर्वे जारी, जिला जज ने और 4 हफ्ते का दिया वक्त

इससे पहले वाराणसी के जिला जज ने एएसआई को ज्ञानवापी के सर्वे के लिए 4 हफ्ते का वक्त दिया था। जिला जज ने साफ कहा है कि इस सर्वे के दौरान कोई खोदाई या तोड़फोड़ नहीं की जाएगी और मस्जिद के ढांचे को किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाया जा सकेगा। यही शर्त इलाहाबाद हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने भी रखी है।

वाराणसी। यूपी के वाराणसी स्थित ज्ञानवापी मस्जिद का एएसआई सर्वे जारी है। इलाहाबाद हाईकोर्ट से सर्वे की मंजूरी मिलने के बाद शुक्रवार सुबह से एएसआई ने दोबारा सर्वे का काम शुरू किया। बीते कल 6 घंटे तक सर्वे हुआ। इस दौरान एएसआई के पुरातत्वविदों ने ज्ञानवापी मस्जिद की पैमाइश की, कुछ सैंपल लिए और फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी भी की। आज सुबह फिर एएसआई की टीम ज्ञानवापी मस्जिद पहुंची है। इस टीम में आईआईटी कानपुर के भी तीन विशेषज्ञ हैं। आईआईटी कानपुर के विशेषज्ञ ज्ञानवापी मस्जिद के ग्राउंड पेनिट्रेटिंग रडार सर्वे का काम करेंगे। इस रडार सर्वे से जमीन के नीचे 10 मीटर तक दबी चीजें साफ दिखती हैं।

वहीं, वाराणसी के जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश ने एएसआई की अर्जी पर सर्वे के काम के लिए और 4 हफ्ते का वक्त दिया है। एएसआई ने जिला जज के यहां अर्जी दी थी कि इलाहाबाद हाईकोर्ट से स्टे के कारण कुछ दिन सर्वे नहीं किया जा सका। जिसकी वजह से और वक्त दिया जाए। इससे पहले वाराणसी के जिला जज ने एएसआई को ज्ञानवापी के सर्वे के लिए 4 हफ्ते का वक्त दिया था। जिला जज ने साफ कहा है कि इस सर्वे के दौरान कोई खोदाई या तोड़फोड़ नहीं की जाएगी और मस्जिद के ढांचे को किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाया जा सकेगा।

supreme court

मुस्लिम पक्ष ने इलाहाबाद हाईकोर्ट से एएसआई सर्वे के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका दी थी। वहां चीफ जस्टिस डॉ. डीवाई चंद्रचूड़ ने मुस्लिम पक्ष की अर्जी को खारिज कर दिया था। चीफ जस्टिस ने सर्वे की मांग करने वालों की आस्था की बात कही थी। जबकि, मुस्लिम पक्ष के वकील हुजैफा अहमदी का कहना था कि इस तरह के सर्वे और कोर्ट केस से पुराने जख्मों को फिर कुरेदा जा रहा है। वो बाबरी मस्जिद का हवाला देते नजर आए। इसके बाद भी सुप्रीम कोर्ट उनकी दलीलों से संतुष्ट नहीं हुआ और ज्ञानवापी के एएसआई सर्वे को बिना तोड़फोड़ या खोदाई के जारी रखने का आदेश दिया था।