नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को असम में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर एक चुनावी जनसभा में लोगों को संबोधित किया। इस दौरान पीएम मोदी ने लोगों से कहा कि, “ये तय हो गया है- असम में दूसरी बार भाजपा सरकार। असम में दूसरी बार NDA सरकार। असम में दूसरी बार डबल इंजन की सरकार।” उन्होंने कहा कि, “आज मैं यहां बैठी हमारी सभी माताओं, बहनों, बेटियों को आदरपूर्वक कह सकता हूं कि आपने जिस जिम्मेदारी और जिन उम्मीदों के साथ भाजपा की सरकार चुनी थी, उसे पूरा करने के लिए हमने जी-जान से मेहनत की है।” कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए पीएम मोदी ने कहा कि, कांग्रेस राज में सवाल था कि ब्रह्मपुत्र के दोनों किनारों के बीच आपस में कनेक्टेविटी कैसे बढ़े? NDA के सेवाकाल में ब्रह्मपुत्र पर आधुनिक पुल बन रहे हैं, पुराने अधूरे पुलों को पूरा किया जा रहा है।
PM Shri @narendramodi addresses public meeting at Kharagpur, West Bengal.
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— BJP (@BJP4India) March 20, 2021
पीएम मोदी ने कहा कि, काजीरंगा सहित हमारे तमाम अभ्यारण्य, हमारे वनक्षेत्र, हमारी धरोहर भी हैं, पर्यावरण के प्रति हमारी जिम्मेदारी भी हैं और रोजी रोटी के साधन भी हैं। मुझे खुशी है कि बीते 5 साल में असम में वनक्षेत्र में वृद्धि हुई है।
पीएम मोदी ने क्या कहा-
चाय जनजाति के साथियों और इस जनजाति से निकली महान विभूतियों को मान-सम्मान और स्वाभिमान का जीवन देने के लिए NDA प्रतिबद्ध हैं। टी गार्डन्स में काम करने वाले श्रमिक साथियों की दैनिक मजदूरी बढ़े इसके लिए भी असम सरकार पूरी तरह गंभीर है।
कांग्रेस ने चाय बागान में काम करने वाले परिवारों को भी वर्षों तक अभाव में रखा। बीते पांच सालों में भाजपा ने NDA सरकार ने चाय बागान में काम करने वाले साथियों के लिए पढ़ाई, कमाई और दवाई से जुड़ी जरूरतों के लिए एक के बाद एक कदम उठाए हैं।
खुद को सेकुलर बताते हैं, लेकिन असम, पश्चिम बंगाल और केरल में संप्रदाय के आधार पर बने दलों के साथ दोस्ती करते हैं। सत्ता के सामने इनको कुछ नहीं दिखता। इसी कारण अब कांग्रेस के लोगों की बातों पर देश में कोई भरोसा नहीं कर रहा।
अब देखिए, कांग्रेस का झारखंड में, बिहार में, महाराष्ट्र में, जिनके साथ इनका गठबंधन है, वो पश्चिम बंगाल में इनके खिलाफ प्रचार कर रहे हैं। केरल में लेफ्ट को गाली देते हैं, पश्चिम बंगाल में कुर्सी की आस में लेफ्ट को गले लगाते हैं।
भाजपा के नेतृत्व में NDA सरकार सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास के मंत्र के साथ आगे बढ़ रही है। लेकिन आज के कांग्रेस नेताओं को तो सिर्फ सत्ता से मतलब है, वो चाहे कैसे भी मिले। असल में कांग्रेस का खज़ाना अब खाली हो गया है, उसे भरने के लिए इन्हें किसी भी कीमत पर सत्ता चाहिए।
कांग्रेस मतलब झूठे घोषणापत्र की गारंटी। कांग्रेस मतलब कंफ्यूजन की गारंटी। कांग्रेस मतलब अस्थिरता की गारंटी। कांग्रेस मतलब, बम, बंदूक और ब्लॉकेड की गारंटी। कांग्रेस मतलब हिंसा और अलगाववाद की गारंटी। कांग्रेस मतलब भ्रष्टाचार की गारंटी, घोटालों की गारंटी।
50 साल से ज्यादा असम पर राज करने वाले लोग आजकल असम को पांच गारंटी दे रहे हैं। असम के लोग इनकी रग-रग से वाकिफ हैं। इन लोगों को झूठे वायदे करने की, झूठे घोषणापत्र बनाने की आदत पड़ गई है।
अब जब केंद्र में NDA सरकार है और राज्य में भी NDA सरकार है, तो डबल इंजन की ताकत असम को तेजी से आगे बढ़ा रही है। अब हाईवे बनाने पर डबल ताकत से काम हो रहा है क्योंकि राज्य सरकार भी असम को देश से जोड़ रही है और केंद्र सरकार भी।
आज से 90 साल से भी पहले अग्रेजों ने एक कानून बनाकर बैंबू को वृक्ष की कैटेगरी में डाल दिया था। ये कानून प्राइवेट जमीन पर उगाए गए बैंबू को काटने, उनके ट्रांसपोर्टेशन पर रोक लगाता था। आजादी के बाद भी 70 साल तक ये कानून ऐसे ही चला।
असम की एक और बहुत बड़ी ताकत है पेट्रोलियम और इससे जुड़े उद्योग। दशकों तक कांग्रेस असम के इस सामर्थ्य पर भी बैठी रही। बीते 6 साल में तेल और गैस के सेक्टर में असम में 40 हजार करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया गया है।
असम दर्शन के तहत 9,000 से ज्यादा सत्रों, नामघरों और आस्था से जुड़े दूसरे स्थानों में इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर करने का काम भी भाजपा और एनडीए की सरकार ने किया है।