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3 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा के दिन हो सकता है राम जन्मभूमि का शिलान्यास, जानिए क्या पहुंचेंगे पीएम मोदी!

अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर शिलान्यास कार्यक्रम पर जल्द ही अंतिम मुहर लग सकती है। माना जा रहा है कि श्रावण मास की पूर्णिमा पर राम जन्मभूमि का शिलान्यास कार्यक्रम शुरू हो सकता है।

नई दिल्ली। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर शिलान्यास कार्यक्रम पर जल्द ही अंतिम मुहर लग सकती है। माना जा रहा है कि श्रावण मास की पूर्णिमा पर राम जन्मभूमि का शिलान्यास कार्यक्रम शुरू हो सकता है। इन सभी बातों पर अंतिम निर्णय 18 जुलाई को अयोध्या में होने वाली ट्रस्ट की बैठक में लिया जाएगा। बताया जा रहा है कि इस बैठक में ही तारीखें तय करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को न्‍योता भेजा जा सकता है।

RAm Mandir

वहीं दूसरी अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर हलचल बढ़ गई है। राम मंदिर निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेंद्र मिश्रा ने गुरुवार को सर्किट हाउस में ट्रस्ट के लोगों और अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में नृपेंद्र मिश्र के साथ राम जन्मभूमि सुरक्षा सलाहकार व बीएसएफ के पूर्व डीजी केके शर्मा, आईजी रेंज डॉ संजीव गुप्ता, कमिश्नर एमपी अग्रवाल, डीएम अनुज झा, एसएसपी आशीष तिवारी और राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय भी शामिल हुए।

Ram Mandir Modi

सर्किट हाउस में बैठक के बाद राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि आज की बैठक केवल शिष्टाचार बैठक थी। राम मंदिर की भूमि पूजन पर अंतिम निर्णय ट्रस्ट की 18 जुलाई को अयोध्या में होने वाली बैठक में लिया जाएगा। राम मंदिर निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेंद्र मिश्रा के साथ आज की बैठक केवल शिष्टाचार बैठक हुई। इस दौरान 18 जुलाई के ट्रस्ट की बैठक के एजेंडे पर चर्चा हुई। क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस शिलान्यास कार्यक्रम में आएंगे? क्या वे 3 से 5 अगस्त के बीच आ सकते हैं? इन सवालों पर चंपत राय ने साफ किया कि प्रधानमंत्री के बुलावे को लेकर भी 18 जुलाई को ही ट्रस्ट की बैठक में चर्चा होगी।

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की बैठक 18 जुलाई को होगी। इसकी तैयारी अंदर खाने में शुरू कर दी गई है। ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा ने बताया कि यह बैठक केवल शिष्टाचार के लिए थी। बाकी 18 जुलाई को ट्रस्ट के सभी सदस्यों के साथ बैठक होगी। उसकी तैयारियां की जा रही हैं। कोरोना को देखते हुए इस बैठक को किया जाना है। प्रधानमंत्री के कार्यक्रम का निर्णय भी ट्रस्ट की बैठक में होगा।

नृपेंद्र मिश्रा की यात्रा कई मायनों में अहम है, क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अयोध्या यात्रा को लेकर भी इस मीटिंग में चर्चा हो सकती है। अभी नृपेंद्र मिश्रा को 18 तक रुकना है। ऐसे में वह मॉडल या डिजाइन में बदलाव को लेकर चर्चा करेंगे। राम मंदिर का मॉडल तैयार करने वाले चंद्रकांत सोमपुरा के अलावा उनके बेटे निखिल सोमपुरा भी अयोध्या पहुंचे हैं, जो 18 तारीख की मीटिंग में शामिल हो सकते हैं।

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कई संतों की राम मंदिर के डिजाइन में बदलाव को लेकर की गई मांग पर भी चर्चा हो सकती है। राम मंदिर निर्माण को लेकर सरकार की सभी तैयारियां कोरोनावायरस के संकट को देखते हुए की जा रही हैं। 18 जुलाई को होने वाली बैठक में मंदिर निर्माण समिति में कुछ नए चेहरे भी शामिल किए जा सकते हैं।

नृपेंद्र मिश्रा के साथ बड़े इंजीनियरों का एक दल भी अयोध्या पहुंचा है, जो मंदिर निर्माण की बारीकियों को देखेगा। ट्रस्ट के लोग और अयोध्या के संत लगातार प्रधानमंत्री मोदी से अयोध्या आने की अपील कर रहे हैं। हालांकि, अभी तक प्रधानमंत्री के आने के कोई संकेत नहीं मिले हैं।